इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69000 शिक्षक भर्ती में दिव्यांग अभ्यर्थियों को 4 फ़ीसदी आरक्षण लाभ दिए जाने के मामले में राज्य सरकार का जवाब में पेश न किए जाने पर सख्त रुख अपनाया है|
कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव सहित अन्य पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए हफ्ते भर का समय और दिया है तथा यह चेतावनी भी दी है कि अगर तय समय में जवाब पेश नहीं किया गया तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर ₹10000 का हर्जाना भी लगाया जाएगा| इसकी कटौती अधिकारी के वेतन से ही होगी|
न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने यह आदेश बची राम किशोर व कई अन्य दिव्यांग अभ्यर्थियों की याचिका पर दिया है| याचीयों का कहना था कि सहायक अध्यापकों के लिए हो रही भर्ती में दिव्यांगों को नियमों अनुसार 4% का आरक्षण लाभ दिया जाए| याचियों की वकील श्रेया चौधरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया जारी है लिहाजा सरकार जल्द अपना पक्ष पेश करें|
सरकारी वकील ने कोर्ट से जवाब के लिए 1 हफ्ते का और समय दिए जाने की मांग की है साथ ही यह आश्वासन दिया कि 1 हफ्ते में प्रति शपथ पत्र दायर कर दिया जाएगा| इस पर अदालत ने 1 सप्ताह का समय दे दिया है| अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी|