सबकुछ सरकार पर ही न छोड़ कुछ अपनी भी नैतिक जिम्मेदारी मान एक शिक्षिका ने विद्यालय कि काया ही बदल दी। कुछ सरकारी मदद और कुछ अपनी जमा पूंजी से इस शिक्षिका ने बच्चों को ऐसी अत्याधुनिक शैक्षिक सुविधाएं मुहैया कराई हैं, जिसे देखने के लिए अन्य शिक्षक व शिक्षा विभाग के अधिकारी गैर जनपदों से आ रहे हैं। या यूं कहें कि सरकारी परिषदीय स्कूलों को उपेक्षित समझने या कहने वालों के लिए यह शिक्षिका और स्कूल नजीर बनकर सामने आया है। आइए इस शिक्षिका के बारे में जानना है तो हम आपको गोमती नगर विजय खंड मस्जिद के निकट उजरियांव स्थित प्राथमिक विद्यालय ले चलते हैं। जिसकी तस्वीर बदलने का श्रेय शिक्षिका सरिता शर्मा को जाता है।
सरिता ने वर्ष 2017 में इस विद्यालय के इंचार्ज के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। तब विद्यालय में न तो बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर था और न ही अन्य संसाधन। यह बात सरिता को अखर गई। सरिता ने स्कूल को मिली कंपोजिट ग्रांट से कुर्सी-मेज खरीदी और अपने पास से पूंजी लगाकर विद्यालय का रंग-रोगन कराया। बच्चों को आकर्षित करने के लिए बेहतरीन डिजाइन व वालपेंटिंग भी कराई। सरिता ने अपने बलबूते बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास तैयार की। स्मार्ट क्लास के इस्तेमाल में आने वाली दीवार की खुद पेंट की।