सुप्रीम कोर्ट ने देश के गैर सहायता प्राप्त व्यावसायिक शैक्षणिक संस्थानों को बड़ी राहत देते हुए व्यवस्था दी कि उनको अपने यहां फीस तय करने का अधिकार है। उनको इस संबंध में स्वायत्तता है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि फीस वाजिब हो और मुनाफाखोरी नहीं होनी चाहिए।