Primary Ka Master Latest Updates👇

Wednesday, June 9, 2021

शिक्षामित्रों का भविष्य फाइलों में बंद, सुप्रीमकोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी

 प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों का भविष्य फाइलों में बंद है। सहायक अध्यापक पद का समायोजन रद होने से अधिकांश शिक्षामित्र नियुक्ति नहीं पा सके हैं। वे मानदेय पर कार्य करने को मजबूर हैं। समस्या निस्तारण के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी ने अब तक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।

शिक्षामित्रों का भविष्य फाइलों में बंद, सुप्रीमकोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी


परिषदीय स्कूलों में करीब 1.72 लाख शिक्षामित्र कार्यरत रहे हैं, जिसमें से 1.37 लाख शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई, 2017 को उनका समायोजन रद करके दो शिक्षक भर्तियों में उन्हें वेटेज और आयु सीमा में छूट देने का निर्देश दिया था। प्रदेश सरकार ने इन शिक्षामित्रों को 31 जुलाई, 2017 तक का वेतन भुगतान किया और एक अगस्त, 2017 से 10 हजार रुपये मानदेय पर नियुक्त कर दिया। ज्ञात हो कि इसके पहले शिक्षामित्रों को 3500 रुपये वर्ष में 11 महीने मानदेय मिलता रहा है। सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के निस्तारण के लिए उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति नौ अगस्त, 2018 को गठित की। इसमें अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा, अपर मुख्य सचिव वित्त व प्रमुख सचिव न्याय को सदस्य बनाया गया, जबकि अपर मुख्य सचिव माध्यमिक व उच्च शिक्षा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रखा गया।


कमेटी ने पहली बैठक 20 अगस्त, 2018 को बुलाकर शिक्षामित्र संगठनों की मांगें सुनीं। कमेटी से मांग की गई कि सरकार सहायक अध्यापक पद की नियमावली में संशोधन करके शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर नियुक्ति दे, यदि यह संभव नहीं है तो शिक्षामित्रों को 62 साल तक कार्य करने तथा 12 माह तक 30 रुपये मानदेय और तदर्थ शिक्षकों की सुविधाएं दे। सरकार ने कोर्ट के आदेश पर 68,500 और 69,000 पदों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा कराई, जिसमें करीब 15 हजार शिक्षामित्रों को नियुक्ति मिली है, जबकि एक लाख से अधिक शिक्षामित्रों का भविष्य अधर में है।


सरकार शिक्षक पद पर दे नियुक्ति

उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव का कहना है कि सरकार कमेटी का निर्णय सार्वजनिक करे और शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर स्थायी करने का आदेश दे।

शिक्षामित्रों का भविष्य फाइलों में बंद, सुप्रीमकोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link