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Wednesday, July 28, 2021

बीएसए कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार, सलाखों के पीछे पहुंचा भ्रष्ट बाबू, जानिए कैसे पकड़ा गया बाबू

 उरई : बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिपिक को एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने एक शिक्षक के बकाया वेतन भुगतान के बदले रिश्वत मांगी थी। पीड़ित की शिकायत पर जाल बिछाकर आरोपित को धर लिया गया। कोतवाली में आरोपित से पूछताछ की जा रही है।

बीएसए कार्यालय का बाबू रिश्वत लेते गिरफ्तार, सलाखों के पीछे पहुंचा भ्रष्ट बाबू, जानिए कैसे पकड़ा गया बाबू


कुठौंद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय भदेख में सहायक अध्यापक ओम जी राना का फरवरी व मार्च का वेतन रुका है। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय को प्रार्थनापत्र देकर बकाया वेतन भुगतान मांगा था, लेकिन कार्यालय से उनकी फाइल आगे नही बढ़ रही थी। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लिपिक विनय कुमार से फाइल कंपलीट कर वेतन दिलवाने की मांग की तो उसने 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी। रुपये न देने पर परेशान किया जा रहा था। इस पर उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण संगठन की झांसी इकाई में शिकायत की। इसके बाद टीम ने शिक्षक को लिपिक विनय के पास भेजा। विनय ने जैसे ही केमिकल लगाकर भेजे गए 10 हजार रुपये लिए तो टीम ने कार्यालय में ही उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बाद बीएसए कार्यालय में सनसनी फैल गई। आरोपित को कोतवाली लाया गया।


दस्तावेजों की पड़ताल के लिए टीम दोबारा बीएसए कार्यालय पहुंची और वित्त एवं लेखाधिकारी से भी पूछताछ की। एंटी करप्शन सेल झांसी यूनिट के इंस्पेक्टर प्रेमचंद्र ने बताया कि पीड़ित शिक्षक की शिकायत पर आरोपित विनय कुमार को पकड़ा गया है। मुकदमा दर्ज कराकर आरोपित को कोतवाली पुलिस के सिपुर्द किया गया है।


जागरण संवाददाता, उरई : वेतन समायोजन के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले बाबू विनय कुमार के खिलाफ एंटी करप्शन की टीम ने करीब चार घंटे कवायद की। सब कुछ तय होने के बाद उसे पकड़ा गया। रकम हाथ में थी लिहाजा अपने सफाई में कहने के लिए उसके बाद कुछ नहीं था। अपराधी की तरह गाड़ी में डालने के बाद उसे कोतवाली लाया गया।


एंटी करप्शन की टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रेम चंद्र समेत कुल नौ सदस्य थे, लेकिन सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने के लिए सरकारी गवाह भी जरूरी थे। लिहाजा नियमानुसार एंटी करप्शन की टीम ने डीएम कार्यालय में ऑपरेशन भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट के टीम में शामिल किए गए। इस तरह कुल 11 सदस्यीय टीम दबिश लेने के लिए बीएस कार्यालय पहुंची। इससे पहले ओम जी राना बाबू के पास पहुंचे। उन्होंने दस हजार रुपये बाबू के दिए। नोटों में विशेष केमिकल लगा हुआ था। जिससे बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा सके। अपने लालच के चलते विनय कुमार वर्मा खुद फंस गया। उसे पकड़ने वाली टीम में एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी निरीक्षक प्रेम कुमार , निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, अमरीश कुमार यादव, उप निरीक्षक मोहम्मद इसरार, मुख्य आरक्षी क्रांति कुमार पांडेय, राजबहादुर सिंह, सूर्येंद्र प्रताप सिंह, इरशाद खान, निरंजन सिंह आदि शामिल थे। गिरफ्तार बाबू को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। वहीं शिकायतकर्ता के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।


पैरवी करने वाले भी जुटे : रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार बाबू की उरई में भी अच्छी जान पहचान है, लिहाजा उसकी पैरवी के लिए कोतवाली में तमाम लोग आए, लेकिन बचाव कोई रास्ता नहीं होने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।




उरई : कुठौंद में भदेख गांव के प्रथामिक विद्यालय में तैनात ओमजी राना महोबा से स्थानांतरित होकर आए थे, लेकिन दो माह का वेतन उनका लटका हुआ था। रिश्वत नहीं दे पाने की वजह से वेतन नहीं बनाया जा रहा था। उसने एंटी करप्शन यूनिट में सीधे शिकायत नहीं की बल्कि संगठन में बताया। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष विजय कुमार पटेल ने बताया कि संगठन द्वारा पूरे प्रदेश में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। ओमजी राना ने पहले संगठन के लीगल सेल में शिकायत की। संगठन के प्रयास से 183वां भ्रष्ट कर्मचारी गिरफ्तार कराया गया है। जनपद जालौन समेत बुंदेलखंड के 15 रिश्वतखोर कर्मचारी व अधिकारी अभी रडार पर हैं।


सप्ताह में तीन दिन आता था कार्यालय

 उरई : दस हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए बाबू के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त बेहद लंबी है। हालांकि एंटी करप्शन सेल में सिर्फ एक शिक्षक ने ही शिकायत की। जिसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गई। रिश्वत के रुपयों के अलावा वेतन समायोजन से संबंधित पत्रवलीं एंटी करप्शन की टीम ने साक्ष्य के तौर पर सील कीं हैं।


बीएसएस कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी शाखा में तैनात बाबू विनय कुमार वर्मा एक साल पहले ही उरई में संबद्ध हुआ था। जिसे वेतन संबंधी कार्य सौपें गए थे। झांसी के मंडलीय कार्यालय में भी वह संबद्ध है। इसलिये सप्ताह में तीन दिन ही वह उरई आता था। आरोप है कि दूसरे जनपद से ट्रांसफर होकर आये दर्जनों शिक्षकों से उसने वेतन समायोजन करने में घूस ली। शिक्षक ओमजी राणा ने उत्पीड़न की पराकाष्ठा होने के बाद एंटी करप्शन यूनिट में शिकायत करने का मन बनाया गया। अब विनय कुमार सलाखों के पीछे कई और पीड़ित अब शिकायत के लिए आगे आ सकते हैं। एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक अमरीश कुमार यादव के अनुसार विनय कुमार द्वारा पैसे लेकर वेतन के समायोजन करने से संबंधित पत्रवलियां कब्जे में लेकर सील कर दी गईं हैं। जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ेगी।

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