चायल में बिना मास्क और सैनिटाइजर के पढ़ रहे पढ़ रहे बच्चे
चायल कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए चायल तहसील के तीनों ब्लाकों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है बच्चों को मास्क तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। विद्यालयों से सैनिटाइजर भी गायब हैं। बच्चों को हाथ तक धुलने की कोई व्यवस्था नहीं है।
कोरोना संक्रमण के चलते करीब डेढ़ साल तक बंद रहे परिषदीय स्कूल महीने भर से खुल गए हैं। करीब 70 फीसदी बच्चे स्कूल आने लगे हैं। शासन ने विद्यालयों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी व अन्य जिम्मेदारों को आदेश दे रखा है। विद्यालयों में साफ सफाई और बच्चों के लिए मास्क एवं सैनिटाइजर सहित हाथ धोने के लिए साबुन व रसोइयों के लिए अप्रेन की व्यवस्था के निर्देश हैं। लेकिन चायल तहसील के मूरतगंज, नेवादा और चायल समेत तीनों ब्लॉकों के स्कूलों में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं देखने को मिल रही है।
विद्यालय आने वाले बच्चों के लिए मास्क, सैनिटाइजर और साबुन की व्यवस्था नहीं की गई है। वहीं चायल ब्लॉक के बीईओ सुनील प्रजापति का दावा है कि विद्यालय की साफ सफाई कराकर बच्चों का हाथ धुलाया जा रहा है। हालांकि मास्क और सैनिटाइजर अभी तक नहीं उपलब्ध हो सका है। मूरतगंज ब्लॉक के 130 विद्यालयों में पढ़ने वाले 40 हजार बच्चे भी मास्क और सेनेटाइजर के इंतजार में हैं। खंड शिक्षा अधिकारी जय पाल ने बताया की अभी हाल ही में विद्यालय खुला है। बच्चे मास्क लगाकर विद्यालय आते है। जिनको मास्क नहीं मिला है उन्हें विद्यालय की तरफ से मास्क उपलब्ध कराया जाता है। नेवादा के 149 विद्यालयों में पढ़ने वाले 69 हजार बच्चों को भी मास्क और सैनिटाइजर नहीं उपलब्ध कराया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी नीरज सिंह का कहना है कि जल्द ही विद्यालयों में व्यवस्थाएं उपलब्ध करा दी जाएगी।