दो ब्लॉकों के हजार से अधिक शिक्षकों के सामने बड़ी मुश्किल हो गई है। महीनेभर से बीईओ न होने से ऐसे शिक्षकों के वेतन व अवकाश अटके हुए हैं। हैरानी तो इस बात की है कि जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए इसका निराकरण नहीं कर रहे हैं। शिक्षक संगठनों की फरियाद भी नजरअंदाज की जा रही है।
सदर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रामशंकर महीनेभर पहले घूसखोरी के आरोप में पकड़े जाने के बाद जेल भेज दिए गए। इसके बाद से सदर ब्लॉक में बीईओ की तैनाती नहीं की गई। इसी तरह मंगरौरा ब्लॉक को चीईओ हिना सिद्दोको भी महीनेभर से मातृत्व अवकाश पर है। खंड शिक्षा अधिकारियों के न होने से सदर और मंगरौरा ब्लॉक के करीब 13 सौ शिक्षकों की मुश्किल बढ़ गई है। सदर ब्लॉक के 126 स्कूलों में छह सौ से अधिक शिक्षक तैनात हैं। इसी तरह मंगरौरा ब्लॉक के 128 स्कूलों में करीब सात सौ शिक्षक हैं। दोनों ही ब्लॉक के शिक्षकों को सबसे अधिक मुश्किल अवकाश लेने की है। मानव संपदा पोर्टल पर किए गए आवेदन का अनुमोदन करने वाला कोई नहीं है। इसके अलावा ऑनलाइन वेतन बिल अग्रसारित न होने से इसका पास होना मुश्किल है। मातृत्व अवकाश के आवेदन भी मानव संपदा पोर्टल पर अनुमोदन के इंतजार में हैं। हैरानी तो इस बात की है कि विभाग के जिम्मेदार इस समस्या से अभी भी अंजान बने हैं।
शिक्षक संगठन ने की है शिकायत
गंगरौरा व सदर ब्लॉक में बीईओ न होने से आ रही समस्या को लेकर बीएसए कार्यालय में शिकायत की है। यूटा के जिला महामंत्री नीरज सिह ने शिक्षकों की समस्याओं को गिनाते हुए दोना ही ब्लॉक में बीईओ की तैनाती किए जाने की मांग की है।

