पकड़ियार बाजार । जर्जर भवन, टूटी फूटी मेज कुर्सी, झाड़ियों से पटा परिसर और बदरंग दीवारें क्षेत्र के अनेक परिषदीय स्कूलों की पहचान थी यह तस्वीर अब बीते दिनों की बात हो गई है। नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के 10 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास चल रही है। यह संभव हो सका • मिशन कायाकल्प और जनसहयोग से।
नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र में 124 1 प्राथमिक और 32 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित है। बीईओ अजय तिवारी ने बताया कि पांच माह पूर्व उन्हें नेबुआ नौरंगिया ब्लॉक का प्रभार मिला। उस समय यहां विद्यालयों में कई जरूरी संसाधन नहीं थे। पुराने ढर्रे पर ही शिक्षक पढ़ाई कराने को मजबूर थे क्षेत्र में निरीक्षण करने पर अधिकतर विद्यालय पेयजल, शौचालय, ग्राउंड भवनों बदहाल देख बहुत पीड़ा होती थी।
पंचायतीराज विभाग से सहयोग लेकर मिशन कायाकल्प के तहत भवनों को सुदृढ कराया। इसके बाद निजी विद्यालयों की तरह छात्र छात्राओं को डिजिटल माध्यमों से शिक्षा देने के लिए सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई कर चुके सफल छात्रों से मुलाकात के अलावा गांव के सक्षम लोगों से संपर्क किया गया। एक दो विद्यालय के शिक्षा समिति से चर्चा की तो वह सहयोग करने को तैयार हो गए।
कुछ गांव के ऐसे लोग मिले जो उस प्राथमिक विद्यालय के छात्र रहे और वर्तमान में सामाजिक, राजनीतिक और नौकरी में अच्छे मुकाम पर हैं। उन्होंने स्मार्ट क्लास के लिए संसाधन मुहैया कराने का आश्वासन दिया। आज क्षेत्र के कुर्मी पट्टी, कोटवा, चखनी भोजछपरा, देवरहा, पिपरा खुर्द, रायपुर फुलवरिया समेत दस संविलयन विद्यालय को चयनित कर स्मार्ट क्लास बना दिया गया है। अब इन विद्यालयों में नामांकित छात्र-छात्राएंनिजी स्कूलों के तर्ज पर स्मार्ट क्लास में पढ़ेंगे। शिक्षक भी प्रोजेक्टर के जरिए पढ़ाएंगे। साथ ही बच्चे स्कूल में ई-लर्निंग और डिजिटल बुक से पढ़ाई कर स्मार्ट बन सकेंगे। डिजिटल माध्यमों से अक्षर ज्ञान से लेकर गृहकार्य तक सरलता से उपलब्ध होंगे बच्चों के लिए प्रेरणा एप और दीक्षा एप के माध्यम से पढ़ाई आसान है।
क्या है स्मार्ट क्लास
विद्यालय में ई-लाइब्रेरी, स्मार्ट साइन बोर्ड, स्पीकर, वायरलेस माइक वाई-फाई, प्रोजेक्टर और स्मार्ट टीवी लगी है। इनके माध्यम से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे। साथ ही शिक्षा विभाग के पोर्टल से जुड़ कर आडियो और वीडियो से पढ़ाई कर सकते हैं।
बदल गए हैं विद्यालय
जनसहयोग और अध्यापकों की कर्तव्यनिष्ठा से विद्यालय की सूरत बदल गई है। स्मार्ट क्लास के साथ किचन गार्डेन, पुष्पित और पल्लवित क्यारियां विद्यालय की शोभा को बढ़ा रही हैं, तो स्वच्छ पानी, मल्टिपल हैंडवाश यूनिट आदि सुविधाएं भी है। बीईओ ने कहा कि कोशिश की जा रही है कि प्राथमिक विद्यालय के छात्र भी आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्राप्त करें ताकि यहां से निकलने के बाद असुविधा न हो। पायल प्रोजेक्ट के बाद सभी विद्यालयों को स्मार्ट क्लास में बदलने की तैयारी है। अगर जन सहयोग रहा तो पूरे क्षेत्र में बदलाव दिखेगा।