जिले के कई अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बच्चों के बैठने के लिए नहीं है बेंच
बस्ती। बच्चों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा देने के लिए प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम का दर्जा तो दे दिया, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के बच्चे टाट पट्टी पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। यही नहीं बच्चों को पूरी किताबें भी नहीं मिल पाई हैं। ऐसे में बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं।
जिले के 14 विकास खंड में अप्रैल 2018 में पांच-पांच परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम घोषित किया गया था। पूरे तामझाम के साथ स्कूलों का उद्घाटन भी किया गया। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने बच्चों के बैठने के लिए बेंच, कुर्सी और टेबल उपलब्ध कराने की घोषणा की।
अभिभावकों को लगा सरकारी स्कूल में उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अप्रैल 2019 में सभी ब्लॉकों में पांच-पांच और प्राथमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम घोषित कर दिया गया। इस तरह हर ब्लॉक में दस अंग्रेजी माध्यम के स्कूल हो गए। अब जिले में 169 परिषदीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के रूप में संचालित हो रहे हैं, लेकिन किसी स्कूल में बॅच, कुर्सी और पूरी किताबें उपलब्ध नहीं हुई।
