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Monday, October 25, 2021

अब निजी स्कूलों की राह पर चलेगा बेसिक शिक्षा विभाग

आई कार्ड बनाने के लिए बच्चों से वसूले जाएंगे 15-15 रुपये, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों के बच्चों के बनाए जाने हैं आई कार्ड राजकमल पाल  बीएसए ने जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों को जारी किया निर्देश


मंझनपुर बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों को भी अब निजी विद्यालयों की वसूली वाली बीमारी लग गई है। एक तरफः स्कूलों में सरकार एमडीएम, किताब, ड्रेस, जूता-मोजा क उपलब्ध कराती है, तो जिले शिक्षा विभाग के अधिकारी छात्रों से आई कार्ड बनाने के नाम पर 15 रुपये वसूलने की तैयारी में लग गए हैं। यहीं नहीं यह आई कार्ड बनाने का कार्य एक निजी संस्था को दे दिया गया है। इसमें प्रधानाध्यापकों को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय में करीब एक लाख छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन छात्रों को दिन में मध्याह्न भोजन के तहत गरम खाना दिया जाता है। इसके साथ ही निःशुल्क किताब, निःशुल्क ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा भी प्रदान किए जाते हैं। परिषदीय विद्यालयों में ज्यादातर गरीब तबके बच्चे पढ़ते हैं।



 सवाल यह उठता है कि जब सरकार इन विद्यालयों के बच्चों को सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान करती है तो आई कार्ड के नाम पर 15 रुपये वसूलने का निर्देश शासन ने क्यों जारी कर दिया है। इस निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। बीएसए प्रकाश सिंह के हस्ताक्षर से जारी पत्र में कहा गया है कि निदेशक समाज कल्याण एवं शिक्षा विकास समिति लखनऊ के द्वारा प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र छात्राओं का परिचय पत्र बनाने के कार्यक्रम में सहयोग करने की अपेक्षा की गई है। परिचय पत्र आ पत्र कार्ड प्लास्टिक, लेमिनेशन एवं फीता निःशुल्क देने का कार्यक्रम है, खिंचवाने क लेकिन रंगीन फोटो का शुल्क त है। लेना प्रस्तावित बच्चों 15 रुपये हालांकि यह 15 रुपये का शुल्क सिर्फ दिव्यांग बच्चों से नहीं लिया जाएगा। बीएसए ने बीईओ से कहा है कि छात्र-छात्राओं के परिचय पत्र बनाने में विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित करें संवाद


"जब सरकार सभी सुविधाएं निःशुल्क दे रही है तो ऐसे में छात्रों से आई कार्ड के नाम पर 15 रुपये लिए जाने का मामला समझ में नहीं आ रहा है। गरीब छात्र 15 रुपये कहां से लाएंगे। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इसमें कोई भी शिक्षक सहयोग नहीं करेगा।" -अनिल कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ


"एडी बेसिक के पत्र के क्रम में यह निर्देश जारी किया गया है। शासन एवं उच्चाधिकारियों के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर शिक्षकों से कार्य में सहयोग करने के लिए कहा गया है।"- प्रकाश सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी



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