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Thursday, October 14, 2021

Primary ka master-बजट के फेर में शिक्षकों के वेतन फंसा, त्योहार के मौके पर अध्यापक खाली हाथ

गोंडा। त्योहार का मौका होने के बाद भी बेसिक शिक्षा के करीब 81 सौ शिक्षकों को सितंबर माह का वेतन नही मिल सका है। उनके वेतन का 50 करोड़ रुपया बजट की फेर में फंसा है।



त्योहार के मौके पर शिक्षक खाली हाथ हैं। इसी तरह 8680 रसोइयों का मानदेय भी बीते पांच माह से अटका है। वेतन न मिलने से नवरात्र व दशहरा पर 16 हजार 780 शिक्षकों और रसोइयों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।


बेसिक शिक्षा में शिक्षकों और संविदा कर्मियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जिले में 8100 शिक्षक पांच तारीख से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कई शिक्षक तो ऋण भी ले रखे हैं और उनके किश्त का समय भी बीत रहा है इससे उन्हें अब अधिक ब्याज भी देना पड़ेगा।

शिक्षक संघ के अध्यक्ष आनंद त्रिपाठी व विनय तिवारी कहते हैं कि शिक्षकों की अनदेखी हो रही है। न तो उनके वेतन समय से दिये जा रहे हैं और न ही उनकी अन्य समस्याओं का निस्तारण हो रहा है।

वित्त एवं लेखा विभाग के अधिकारियों की मानें तो वेतन देने के लिए 50 करोड़ का बजट विभाग को चाहिए और बजट उपलब्ध नही है। शासन से बजट जारी होने पर ही मानेदय का वितरण संभव होगा। इसी तरह जिले के 3100 बेसिक स्कूलों में 8680 रसोइया कार्यरत हैं जिन्हें पांच माह से मानेदय नही मिल सका है।

मामूली मानदेय पर स्कूलों में पूरे समय ड्यूटी करने वाली रसोइयों को मानदेय के लिए करीब छह करोड़ का बजट चाहिए। शिक्षकों और कर्मचारियों को समय से वेतन न देने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। शिक्षक नेता विनय तिवारी का कहना है कि आला अफसर जानबूझ कर त्योहारों पर वेतन संकट खड़ा कर कर्मियों को परेशान कर रहे है। इससे सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा बढ़ेगा।

स्वास्थ्य विभाग में भी तैनात संविदा कर्मियों को समय से मानदेय नही मिल पा रहा है। यहां भी बजट की कमी का रोना रोया जा रहा है। इसके चलते कई कर्मियों को दो- दो माह से मानदेय नही मिल पाया है। इससे इनके समक्ष भी त्योहार पर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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