Primary Ka Master Latest Updates👇

Thursday, December 2, 2021

परिषदीय विद्यालय : कहीं बाउंड्रीवाल नहीं तो कहीं शौचालय का अभाव

 कई विद्यालयों में नहीं पहुंचीं पुस्तकें, शुद्ध पेयजल का इंतजाम भी नहीं


जटहां बाजार विशुनपुरा क्षेत्र में अधिकांश परिषदीय विद्यालयों को कायाकल्प योजना के तहत लाभ नहीं मिल सका है।



इस वजह से विद्यालयों का कायाकल्प नहीं हो सका है। किसी विद्यालय की चहारदीवारी नहीं है तो किसी का शौचालय का अभाव है। कुछ विद्यालयों में शुद्ध पेयजल का इंतजाम भी नहीं है। इस वजह से बच्चों को असुविधा हो रही है। खेसिया में संचालित कन्या प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है। यहां कुल 101 बच्चे नामांकित हैं। भवन का निर्माण 1966 में हुआ है। छत का प्लास्टर टूट रहा है। शौचालय का निर्माण तो हुआ है, लेकिन टंकी का निर्माण नहीं हो सका है।


इस कारण बच्चे खुले में शौच जाने के लिए विवश हैं। यहां मौजूद शिक्षा मित्र उषा शर्मा ने बताया कि बच्चों के ड्रेस का पैसा खातों में नहीं भेजा गया है। कुछ बच्चों को नई किताबें नहीं मिल पाई है। उन्होंने बताया कि कई बार विभाग में भवन जर्जर होने का हवाला दिया गया है, लेकिन अभी तक कोई सार्थक जवाब नहीं मिल सका है। लोगों का कहना है कि भवन में बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं, लेकिन वे सुरक्षित नहीं है। जूनियर हाईस्कूल डुमरी में कुल 55 बच्चों का नामांकन है। इस विद्यालय को कायाकल्प में नहीं लिया गया है। यहां मौजूद प्रधानाध्यापक उमेश गौतम ने बताया कि विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है। बरसात के दिनों में टपकता है। परिसर में स्थित इंडिया मार्क टू हैंडपंप एक महीने से खराब पड़ा है। विद्यालय में विद्युतीकरण भी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि ड्रेस और किताब सभी बच्चों को मिल गई है। विद्यालय का सुंदरीकरण कराने के लिए ग्राम प्रधान और विभाग को लिखित भेज दिया गया है।


प्राथमिक विद्यालय चिरईग्रहवा रामहरख टोला में बाउंड्रीवाल है, लेकिन कुछ महीनों से कुछ हिस्सा ढह गया है। गेट भी टूटकर गिर गया है। यहां कायाकल्प योजना के तहत फर्श पर टाइल्स लगाया गया है, लेकिन वह अब टूटने लगा है। यहां शौचालय भी बदहाल है। यहां तैनात शिक्षक कैलाश प्रसाद ने बताया कि अभी कुल नामांकित 136 बच्चों के सापेक्ष करीब 70 बच्चों को ड्रेस और स्वेटर का धन खातों में नहीं गया है। उन्होंने बताया कि नई पुस्तकें भी नहीं मिल पाई है। बच्चे पुरानी किताबों से ही पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय परिसर बदहाल है। प्रधान से कई बार कहा जा चुका है कि मिट्टी भरवा दें, जिससे बच्चे खेल सकें। पूरे परिसर में घास उग गई है।


प्राथमिक विद्यालय पुर्नहां बुजुर्ग में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 67 है। यहां बाउंड्रीवाल नहीं है। प्रधानाध्यापक निखिल कुमार ने बताया कि बाउंड्रीवाल के लिए प्रधान से कई बार कहा गया है। उन्होंने बताया कि 19 बच्चों के अभिभावकों के खातों में ड्रेस और स्वेटर के लिए धन भेजा गया है, शेष में अभी तक नहीं जा पाया है। उन्होंने बताया कि नई किताबें सभी बच्चों में वितरित कर दी गई हैं। विद्यालय परिसर में मल्टीपल हैंडवॉश को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़ दिया है। ग्राम प्रधान बबलू अंसारी ने बताया कि स्टीमेट बन गया है। शीघ्र ही कायाकल्प योजना से कार्य शुरू करा दिया जाएगा।


विशुनपुरा के बीईओ देवमुनि वर्मा का कहना है कि जिन विद्यालय की स्थिति ठीक नहीं है, उनके कायाकल्प के लिए कार्ययोजना बनाकर बीडीओ के पास भेज दिया गया है। उन विद्यालयों में अपेक्षित सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

परिषदीय विद्यालय : कहीं बाउंड्रीवाल नहीं तो कहीं शौचालय का अभाव Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link