विधानसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले सरकारकोरोना काल में बंद किए गए राज्यकर्मियों के एक-दो भत्तों को बहाल करने पर फैसला ले सकती है।
मुख्य सचिव की अध्यक्ष समिति कर्मचारी संगठनों से उनकी मांगों व समस्याओं पर बैठकें करने के बाद कुछ कुछ भत्तों को शुरू करने के लिए परीक्षण तथा आने वाले व्ययभार का आंकलन वित्त विभाग से करा रही है। पुलिस के जवानों और फील्ड में तैनात कार्मियों को सिम भत्ता जैसे नये भत्ते दिए जाने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
निगाहें सीसीए और सचिवालय भत्ता की बहाली परः मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष अपनी बात रखने वाले कुछ कर्मचारी नेता यह मानकर चल रहे हैं कि प्रदेश सरकार नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) व सचिवालय भत्ता को फिर से बहाल कर सकती है। इन भत्तों को बहाल करने पर राज्य सरकार के खजाने पर पड़ने वाले व्ययभार का आंकलन कराया जा रहा है। पुलिस के जवानों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार भत्ते की धनराशि में इजाफा किए जाने की उम्मीदें भी की जा रही हैं। समिति द्वारा इस तरह के कुछ भत्तों को दिए जाने का संकेत दिए जाने के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (एसपी तिवारी गुट) ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को आगे होने वाली बैठकों में नहीं रखने आश्वासन समिति को दिया।
25 नवंबर को कार्मिक अनुभाग चार इस गुट द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को आगे की बैठकों में नहीं उठाए जाने से संबंधित कार्यालय आदेश जारी किया। सचिवालय के संगठनों की समन्वय समिति की मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में शामिल सचिवालय संघ के सचिव ओंकारनाथ तिवारी के मुताबिक बैठक में समिति ने सचिवालय भत्ते को बहाल करने का आश्वासन दिया था।
कोरोना काल में सरकार ने बंद कर दिए थे आठ भत्ते
13 मई 2020 को राज्य सरकार ने कोरोना से अस्त व्यस्त प्रदेश के हालात और अर्थव्यवस्था को देखते हुए नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) सहित आठ भत्तों को बंद कर दिया गया था। नगर प्रतिकर भत्ता के साथ उस समय सचिवालय भत्ता, पुलिस से जुड़े कर्मियों का विशेष भत्ता, सभी विभागों के अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता, लोक निर्माण विभाग के कर्मियों को मिलने वाला रिसर्च भता, अर्दली भता, डिजाइन