गर्मियों की छुट्टी के बाद सस्ती किताबें
लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश में सस्ती पुस्तकों की समस्याएं शीघ्र ही दूर होंगी। सत्र शुरू होने के दो माह बीत जाने के बाद भी बाजारों से पुस्तकों के गायब रहने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब जाकर इस समस्या के निदान की कोशिश शुरू हुई है। इसके तहत ग्रीष्मावकाश के ठीक बाद प्रदेश के छात्र-छात्राओं को सस्ती किताबें मिलने लग जाएंगी।
तमाम प्रयासों के बाद यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौ से 12 तक के एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को सस्ती किताबें मिलने का रास्ता साफ हुआ है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने किताबों के प्रकाशन का अधिकार देने के लिए टेंडर जारी कर नौ जून तक प्रकाशकों से आवेदन मांगे हैं। बताया जाता है कि 16 जून को प्रकाशकों के साथ अनुबंध होगा। इसके बाद विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी से अधिकृत 70 और नॉन- एनसीईआरटी की 12 किताबें - 30 जून तक बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएंगी।
पिछले साल भी पुस्तकों के प्रकाशन में विलम्ब हुआ था और जुलाई के पहले सप्ताह में किताबों का टेंडर जारी हो सका था।

