ऑनलाइन भुगतान की स्पीड पर बाबुओं का 'ब्रेक'
लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग में सभी तरह के भत्ते और एरिअर भुगतान के लिए ऑनलाइन व्यवस्था है। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके और बेवजह किसी के आवेदन न रोके जाएं। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी और बाबू बाज नहीं आ रहे। एक जगह से आवेदन फॉरवर्ड हो जाता है तो दूसरी जगह रुक जाता है। काफी शिकायतें आने के बाद इसकी मॉनिटरिंग की गई तो हर जिले में एरिअर भुगतान के मामले महीनों से लंबित पाए गए। प्रदेश भर में ऐसे मामलों की संख्या 4,838 है। डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए और लेखाधिकारियों से इस बाबत एक हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी निर्देश हैं कि इन सभी मामलों का निस्तारण करके रिपोर्ट भेजें।
शिकायतें ही शिकायतें पहले जब भुगतान की ऑफलाइन व्यवस्था थी, तब काफी शिकायतें रहती थीं कि बीईओ, लेखाधिकारी और क्लर्क जानबूझकर फाइल रोक लेते हैं। भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते थे। यह आरोप अब भी खत्म नहीं हुए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के माल ब्लॉक, लखनऊ के अध्यक्ष प्रदीप सिंह बताते हैं कि पूरे ब्लॉक के एरिअर भुगतान के मामले बीईओ ने फॉरवर्ड कर दिए। आवेदन फॉरवर्ड करने के साथ ही पोर्टल पर आवेदन के संबंध में कुछ सवालों के जवाब भी भरने होते हैं। तीन-चार आवेदनों में बीईओ ने यह औपचारिकता पूरी नहीं की। इसी को आधार बनाकर लेखाधिकारी कार्यालय ने सभी आवेदन रोक दिए। फिर से जब प्रयास किया गया तो अब कुछ आवेदन फॉरवर्ड किए गए। प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशिक्षित असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह भी कहते हैं प्रदेश भर में जानबूझकर आवेदन लंबित रखे जाते हैं। कभी बीईओ के स्तर से देर होती है तो कभी लेखाधिकारी कार्यालय में आवेदन रोक दिए जाते हैं।