शिक्षक का शराब और लड़की के साथ वायरल हो रहे वीडियो को लेकर लोगों का कहना है कि एक शिक्षक होकर जिस तरह से खुलेआम शराब और शबाब के साथ अय्याशी कर रहे हैं, उससे पूरा जिला शर्मसार हो गया है। वहीं, लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई कर बर्खास्त करें।
बिहार में यूं तो शराबबंदी पूर्ण रूप से लागू है, लेकिन कानून का पालन करवाने के लिए शिक्षा देने वाले शिक्षक ही खुद कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा मामला जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड स्थित मिर्जागंज स्कूल के शिक्षक का है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मिर्जागंज स्कूल के शिक्षक वीरेंद्र कुमार अपने दो अन्य साथियों के साथ शराब और शबाब के साथ मशगूल देखे जा रहे हैं।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि शिक्षक वीरेंद्र कुमार और उनके दो साथियों को एक युवती द्वारा गिलास में शराब परोसी जा रही है। सूत्रों के अनुसार यह वीडियो आसनसोल के नियामतपुर स्थित एक पाड़ा का बताया जा रहा है। हालांकि वीडियो जहां का भी हो, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक शिक्षक के इस तरह के वीडियो को लेकर चौतरफा निंदा की जा रही है।
शिक्षक की अय्याशी का वीडियो देख लोग हुए हैरान
गुरु जी का वीडियो वायरल होने के बाद जिले में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। वीडियो में जिस तरह से गुरु जी अय्याशी कर रहे हैं, उसे देख लोग हैरान हैं। लोगों का कहना है कि एक शिक्षक होकर जिस तरह से खुलेआम शराब और शबाब के साथ अय्याशी कर रहे हैं, उससे पूरा जिला शर्मसार हो गया है। वहीं, लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अविलंब ऐसे शिक्षक पर कार्रवाई कर बर्खास्त करें।
केके पाठक को वीडियो भेज एक युवक ने की कार्रवाई की मांग
इधर, इस्लामनगर प्रखंड के एक गांव के एक युवक ने शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ईमेल आईडी पर शिक्षक का वायरल वीडियो भेजकर कार्रवाई की मांग की है। युवक ने केके पाठक और जिला शिक्षा पदाधिकारी की ईमेल आईडी पर वीडियो के साथ लिखा है कि इस शिक्षक का नाम वीरेंद्र कुमार पिता कपिलदेव यादव है, जो एक पैर से विकलांग भी है।
युवक ने लिखा कि यह शिक्षक अलीगंज प्रखंड के मिर्जागंज स्कूल में पदस्थापित है। ये खुद शराबबंदी मुक्त बिहार की कैसे धज्जियां उड़ा रहे हैं, शराब और शबाब में कितने मशगूल हैं। इनके इस रवैये से समाज या छोटे-छोटे बच्चों पर क्या असर होगा। इस वीडियो को देखते हुए इन पर उचित कार्रवाई की जाए। ताकि हमारे बच्चों और समाज में एक सही संदेश जाए।

