बिहार में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश को शिक्षा विभाग के अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं। प्रदेश की राजधानी पटना में शिक्षा विभाग के एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) का गजब कारनामा सामने आया है। बीईओ पर विद्यालय निरीक्षण के दौरान छह माह बाद तक की उपस्थिति बनाने का आरोप लगा। अधिकारी पर एक विद्यालय के प्राचार्य को दो विद्यालयों के प्राचार्य का भार सौंपने का भी आरोप लगा है। इसके साथ ही मानसिक रूप से विक्षिप्त अनुपस्थित रहे अध्यापक के भी वर्षों से वेतन लाभ ग्रहण करने का मामला सामने आया है। यह मामला राजधानी पटना के धनरूआ प्रखंड का बताया जा रहा है। इसे लेकर लोक शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत करके शिक्षा विभाग के प्रखंड शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
जानकारी के अनुसार, पटना के धनरूआ प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर सिंह के कारनामा लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि अभी 10 अप्रैल को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर सिंह मध्य विद्यालय साई धनरूआ में निरीक्षण के लिए गए थे। विभाग के जानकार का मानना है कि निरीक्षण के दौरान उन्हें प्रपत्र भरना होता है जो प्रपत्र उन्होंने नहीं भरा। इसके अलावा 10 अप्रैल को निरीक्षण के जगह रजिस्टर में 10 अक्टूबर 2024 का हस्ताक्षर बनाया।
कुछ शिक्षकों का यह मानना है कि यह भूल चूक एक रजिस्टर पर हो सकती है। लेकिन उनके द्वारा दो रजिस्टरों पर हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं नवल किशोर सिंह पर कुछ शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि प्राथमिक विद्यालय निजामत और प्राथमिक विद्यालय जलालपुर मुसहरी, धनरूआ का प्रभार एक ही प्राचार्य अशोक कुमार को सौंप दिया गया है। जबकि दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी लगभग 15 से 20 किलोमीटर के आसपास बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि विद्यालय संचालन के नाम पर अशोक कुमार के द्वारा 25 हजार रुपये की निकासी भी की गई है।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नवल किशोर सिंह पर कुछ शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया है कि बैरही पंचायत के एक शिक्षक ओमप्रकाश जो मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं, वे पिछले कई वर्षों से अनुपस्थित रहने के बावजूद भी लगातार वेतन उठा रहे हैं।
इन सभी आरोपों को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान 10 अप्रैल की जगह 10 अक्टूबर के हस्ताक्षर बनाना उनकी भूल थी। वह इसे अभिलंब सुधार लेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि प्राथमिक विद्यालय निजामत और जलालपुर मुसहरी में एक प्राचार्य अशोक कुमार को दो विद्यालय का प्रभार सौंपने का उनका मकसद यह था कि स्थान खाली होने के बाद वहां कोई जाना नहीं चाहता था। एक मानसिक रूप से विक्षिप्त शिक्षक के वेतन उठाए जाने पर उन्होंने बताया कि एक दुर्घटना के तहत उनकी मानसिक हालत काफी दयनीय हो गई थी। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष से उनका वेतन बंद कर दिया गया है।