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Friday, April 26, 2024

*सरकारी कर्मचारी भी अपने राजनैतिक विचार सोशल मीडिया या और कही रख सकता है, आखिर वो भी वोट देकर सरकार को चुनता है, सरकारी कर्मचारी के अलावा वो देश का एक नागरिक भी है, कोर्ट का सही फैसला👍 🤗*

 *सरकारी कर्मचारी भी अपने राजनैतिक विचार सोशल मीडिया या और कही रख सकता है, आखिर वो भी वोट देकर सरकार को चुनता है, सरकारी कर्मचारी के अलावा वो देश का एक नागरिक भी है, कोर्ट का सही फैसला👍 🤗*


दिल्ली. अदालत ने अब यह बात साफ कर दी है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को किसी भी बात पर बोलने से रोका नहीं जा सकता है. वह चाहे तो अपनी बात किसी भी माध्यम से कभी भी और कहीं भी रख सकता है. इसके लिए उसे रोका नहीं जा सकता है. अभी तक यह माना जाता रहा था कि सरकारी कर्मचारियों को राजनैतिक मामलों और विशेष रूप से वर्तमान दौर में चल रहे सोशल मीडिया में कमेंट लिखने जैसे मामलों पर कार्रवाई से जूझना पड़ता है, जिसके कई मामले देश में आ चुके हैं. ऐसे ही एक मामले पर त्रिपुरा हाईकोर्ट ने अपना फैसला दिया है. त्रिपुरा हाईकोर्ट ने बेहद महत्वपूर्ण फैसले में राजनीतिक रैली में शामिल होने और फेसबुक पोस्ट लिखने के कारण नौकरी से निलंबित की गईं एक महिला कर्मचारी का निलंबन खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा, 'सरकारी कर्मचारी को बोलने की आजादी है.'



*सरकारी कर्मचारी भी अपने राजनैतिक विचार सोशल मीडिया या और कही रख सकता है, आखिर वो भी वोट देकर सरकार को चुनता है, सरकारी कर्मचारी के अलावा वो देश का एक नागरिक भी है, कोर्ट का सही फैसला👍 🤗* Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

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