फतेहाबाद। शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील को लेकर नया फरमान जारी किया है। प्रदेशभर में स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि मिड-डे मील सिर्फ गैस चूल्हे पर ही बनाया जाए। इसके अलावा दूसरे संसाधनों का प्रयोग न किया जाए। निरीक्षण के दौरान सामने आ चुका है कि स्कूलों में दूसरे संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि नियमों के खिलाफ है। इन निर्देशों के बाद वैसे स्कूल मुखियाओं की चिंता बढ़ गई है, जहां विद्यार्थियों के लिए रोटियां बनाने के लिए भट्ठी नहीं है।
प्रदेश के कई स्कूलों में रोटियां बनाने के लिए भट्ठी नहीं हैं। इसके अलावा गैस सिलिंडर रिफिल भी एक साल में 12 के बाद महंगा हो जाता है। सिलिंडर के लिए अलग से विभाग के पास बजट नहीं है। शिक्षा विभाग प्राइमरी स्कूलों को 5.45 पैसे प्रति विद्यार्थी और मिडिल स्कूलों के प्रति विद्यार्थी 7.18 रुपये कुकिंग कोस्ट ही दे रहा है। फतेहाबाद जिले के 386 प्राइमरी और 82 मिडिल स्कूलों के करीब 75 हजार विद्यार्थियों को मिड-डे मील दिया जाता है। संवाद
रोजाना बदलता है खाने का मैन्यू
शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील को लेकर खाने का मैन्यू तय कर रखा है। मैन्यू के अनुसार ही विद्यार्थियों के लिए मिड-डे मील तैयार किया जाता है। शिक्षा विभाग स्कूलों को आटा, चावल उपलब्ध करवा रहा है। इसके अलावा खाना बनाने के लिए कुकिंग कोस्ट दी जा रही है। हालांकि शिक्षकों की मानें तो कुकिंग लागतकम है। इसके चलते विद्यार्थियों को मिड-डे मील में गुणवत्ता दे पाना मुश्किल है।
सरकारी स्कूलों की स्थिति, जहां विद्यार्थियों को मिलता है मिड-डे मील
खंड प्राइमरी मिडिल
फतेहाबाद 104 20
भूना 52 4
भट्टूकलां 38 6
टोहाना 67 18
रतिया 92 26
जाखल 33 8
कुल 386 82
कोट
सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील के लिए गैस के घरेलू कनेक्शन हैं और सिर्फ12 सिलिंडर ही रिफिल हो पाते हैं। इसके अलावा इतने विद्यार्थियों के लिए रोटियां बनाना बिना भट्ठी के संभव नहीं है। स्कूलों को भट्ठियां नहीं दी गई हैं। मजबूरन स्कूलों में लकड़ी के चूल्हे का प्रयोग करना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग स्कूलों में पहले भट्ठियां उपलब्ध करवाए और खाना बनाने की लागत भी बढ़ाए।
- विकास टुटेजा, जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ
कोट
शिक्षा विभाग निदेशालय के निर्देश आए हैं कि मिड-डे मील के लिए गैस चूल्हे का ही प्रयोग किया जाए। इसको लेकर स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। अगर कहीं समस्या आ रही है तो समाधान करवाया जाएगा।
- वेद सिंह दहिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।