फतेहाबाद। फतेहाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी महेंद्र सिंह श्योराण द्वारा शिक्षकों को मारने संबंधित की गई कथित टिप्पणी को लेकर सोमवार दोपहर को तीन बजे शिक्षक संगठनों ने बीईओ कार्यालय में धरना दिया। धरना शुरू होने के करीब एक घंटे बाद बीईओ महेंद्र सिंह श्योराण धरना स्थल पर पहुंचे और शिक्षकों के बीच में आकर बैठ गए। बीईओ ने कहा कि नामांकन बढ़ाने को लेकर बैठक हुई थी और उसमें कोई ऐसी गलत टिप्पणी उनके द्वारा नहीं की गई है। इसके बाद शिक्षकों के साथ वह बैठे भी रहे है अगर मजाक में कोई बात हो भी गई है तो शब्द वापस लेते हैं और भविष्य में ऐसा नहीं होगा। मामले को लेकर खेद प्रकट करते है।
वहीं बीईओ के धरना स्थल पर बोलने से पहले मामले को लेकर धरने पर बैठे शिक्षकों व बीईओ के पक्ष में शिक्षक अनूप सिंह द्वारा बोलने पर आपस में उलझ गए। एक बार माहौल तनावपूर्ण हो गया। बीईओ के पक्ष में अनूप सिंह ने कहा कि वह भी हसला के राज्य कार्यकारिणी से है, यहां धरना देने से पहले बीईओ से बातचीत करनी चाहिए थी और पक्ष जानना चाहिए था। इसको लेकर धरना पर बैठे अलग-अलग संगठनों के शिक्षक भड़क गए और खड़े हो गए लेकिन बाद में शिक्षक अनूप सिंह ने कहा कि उन्होंने पक्ष रखा और फिर भी बात गलत लगी तो शब्द वापस लेता हूं। हालांकि इसके बाद मामला सुलझ गया।
इस दौरान राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य चेयरमैन देवेंद्र सिंह दहिया, जिला प्रधान विकास टुटेजा, कानूनी सलाहकार दलीप बिश्रोई, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सुरजीत दुसाद, राजपाल मिताथल, मुरारी, हरियाणा राजकीय अनुसूचित अध्यापक संघ से जिला प्रधान रमेश चालिया, खंड प्रधान अनिल इंदल, मास्टर वर्ग एसोसिएशन के राज्य कार्यकारिणी सदस्य रामेश्वर मताना, जितेंद्र शर्मा समेत कई शिक्षक मौजूद थे।
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शिक्षक बोले बीईओ से मिलने के लिए देनी पड़ती है पर्ची
धरने पर बैठे शिक्षकों ने बीईओ से कहा कि अगर उन्हें स्कूल संबंधित काम को लेकर आप से मिलना है तो पर्ची देनी पड़ती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं बीईओ महेंद्र ने कहा कि ऐसा नहीं है और किसी शिक्षक को पर्ची देने की जरूरत नहीं होती है।
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ये था मामला :
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विकास टुटेजा ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा था कि तीन दिन पहले फतेहाबाद के खंड शिक्षा अधिकारी महेन्द्र सिंह श्योराण द्वारा ली गई बैठक में अधिकारी द्वारा प्राथमिक शिक्षकों को लेकर असभ्य भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि विभाग में कुछ टीचर इतने निकम्मे हैं कि उन्हें परमिशन मिल जाए तो रोज पांच टीचरों को मार दूं और कुल 50 टीचर को मार दूं तो उनका ब्लॉक सही हो जाएगा। इसी को लेकर अलग-अलग संगठनों ने सोमवार को धरना दिया।
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शिक्षक मेरे साथी है और परिवार के सदस्य है। मैंने कहा है कि अगर कोई बात हुई है और उसको लेकर ठेस पहुंची है तो शब्द वापस लेता हूं। हालांकि मेरी तरह से ऐसी कोई बात नहीं की गई है सिर्फ नामांकन बढ़ाने को लेकर बैठक ली गई थी। फिलहाल मनमुटाव था उसे दूर कर दिया गया है।