पटना: शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को उपलब्ध कराई गई राशि 1600 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का निर्देश कुलसचिवों को दिया है। यह राशि शिक्षकों, कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के वेतन, पेंशन और अनुदान समेत बकाया मद में मुहैया कराई गई है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के वेतन एवं पेंशन मद में तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन मद में मार्च, 2024 से लेकर जून, 2024 तक के लिए अनुदान राशि दी गई थी। इसके अलावा अतिथि शिक्षकों के वित्तीय वर्ष 2023-24 के बकाये मानदेय के भुगतान के लिए भी अनुदान दिया गया था। इन मदों में कुल 1600 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए थे। यह राशि कितनी व्यय हुई है और कितनी बची है, इस बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने
हेतु अनुदान/मानदेय का भुगतान स्वीकृत पदों के विरुद्ध नियमानुसार नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों एवं अतिथि शिक्षकों को ही करने का आदेश दे रखा है। भुगतान का मुख्य आधार वेतन सत्यापन कोषांग द्वारा किए गए सत्यापन को बनाया गया है। विश्वविद्यालयों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बकाया भुगतान एक माह के अंदर सुनिश्चित करते हुए उपयोगिता प्रमाण-पत्र देंगे।