प्राथमिक शिक्षा निदेशक का जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश
( आज शिक्षा प्रतिनिधि)
पटना। राज्य में प्रस्वीकृति न (रजिस्ट्रेशन) के लिए आवेदन नहीं क करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर संबंधित क जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने काररवाई करेंगे।
इससे संबंधित निर्देश प्राथमिक र शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र द्वारा - राज्य के सभी जिलों के जिला शिक्षा र पदाधिकारियों को दिये गये हैं। इसके मुताबिक बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, न 2009 जो एक अप्रैल, 2010 से प्रभावी है एवं तदालोक में अधिसूचित बिहार राज्य बच्चों के मुफ्त एवं ने अनिवार्य शिक्षा नियमावली, 2011 के न तहत निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति व का प्रावधान किया गया है।
बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम, 2009 की धारा 18 में यह प्रावधान है कि कोई भी र विद्यालय जो निर्धारित मानक धारित र करता हो, सक्षम प्राधिकार से र प्रस्वीकृति का प्रमाण-पत्र प्राप्त किये ने बिना स्थापित नहीं कर सकेगा अथवा संचालित नहीं करेगा।
इस प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में अधिनियम की धारा 18 (5) एवं 10 (5) के अंतर्गत दोषी व्यक्ति या संस्था को एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है अथवा निर्धारित तिथि के बाद भी विद्यालय संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है। बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त
एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली, 2011 के नियम 11 अंतर्गत प्रस्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया एवं नियम 12 के तहत प्रस्वीकृति की वापसी की प्रक्रिया भी निर्धारित है। इस नियमावली की कंडिका 11 एवं 12 के तहत प्रत्येक गतिविधि की समय-सीमा भी निर्धारित है ।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिये गये निर्देश के मुताबिक इन प्रावधानों के बावजूद अब तक राज्य में मात्र 11,192 निजी विद्यालय प्रस्वीकृति प्राप्त हैं, जबकि
इससे दुगुनी संख्या में निजी विद्यालय संचालित होने का अनुमान है। वास्तव में संचालित निजी विद्यालयों की संख्या का प्रामाणिक आंकड़ा विभाग के पास उपलब्ध नहीं है।
इसके मद्देनजर प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने निर्देश दिया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी निजी विद्यालयों के संगठनों के नोडल पदाधिकारी के साथ बैठक कर अपने-अपने जिले में संचालित सभी निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति प्राप्ति हेतु 10 अगस्त तक ई-संबंधन पोर्टल पर आवेदन कराना सुनिश्चित करें। निर्धारित अवधि के बावजूद अगर किसी विद्यालय द्वारा प्रस्वीकृति हेतु पोर्टल पर आवेदन नहीं किया जाता है, तो बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं बिहार राज्य बच्चों के मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली, 2011 के प्रावधानों के तहत काररवाई करना सुनिश्चित करें ।

