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Sunday, July 21, 2024

Bihar news: बिना चयन बतौर शिक्षक चुनाव ड्यूटी करने पर मांगा जवाब

 बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता। 'चयन हुआ नहीं और हितैषी शिक्षक कर रहे चुनाव व एज्युमीटी' वाली 'हिन्दुस्तान' (23 फरवरी 2022)



की खबर को आधार बनाते हुए इस्लामपुर के विधायक राकेश अख्तर ने विधानसभा में सवाल उठाया है।


प्रश्न का उत्तर शुक्रवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिक्षा विभाग द्वारा पत्र भेजा गया है। अब विभाग के पूरे अधिकारी और कर्मचारी इसमें शामिल हो सकते हैं। अनुयायी ने बताया कि 13 आम लोगों को 10 सभ्यताओं के शिक्षक बताते हैं कि पूर्वी से दिवाली लगायी जा रही थी। इसका विमोचन दैओ केशव प्रसाद और बियाओ अहिल्या कुमारी ने किया था। लेकिन, यह मामला तो बस एक नमूना है। जिले के सभी अभिलेखों में इस गोरखधंधे का खुलासा हो सकता है। लेकिन, अधिकारियों ने इसे नामांकित से नहीं लिया और ठंडे बस्ते में डाल दिया था।


इस्लामपुर खंड शिक्षा कार्यालय की इस करतूत का जब खुलासा हुआ,


तो सरकारी अधिकारियों के लिए जमीन ही खिसकाने लगी थी। चयन हुए बिना ही सहायक शिक्षक 13 लोगों से चुनाव के साथ ही एग्ज़ाम में ड्यूटी लगाई जा रही थी। इन लोगों को प्राचीन काल से इन कार्यकलापों में लगाया जा रहा था। ऐतिहासिक रजिस्टर में इन 13 लोगों को 10 शिलालेखों के शिक्षक के रूप में अंकित किया गया बताया गया है। वहीं, पटना से शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा विभाग को जवाब देने के लिए एक पत्र जारी किया गया है। पत्र को विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी देख सकते हैं। यहां पर बिना किसी सेलेक्ट किए गए साइंटिस्ट इंजीनियर के यहां भी फिल्में बनाई गई हैं। अब जिला शिक्षा विभाग की ओर से क्या जवाब भेजा जा रहा है, इसमें लोग लगे बैठे हैं।


23 फरवरी 2022 'हिन्दुस्तान' में छपी खबर को आधार बनाया इस्लामपुर विधायक ने पूछा सवाल


■ कहा-13 आम लोगों को 10 प्राचीन काल के सभ्यता के शिक्षक बताएं


लगायी जा रही थी सुईट फोटोग्राफर परीक्षा वीक्षक सूची की


■ जन्मकुंडली अनुष्ठान पर ध्यान दें


और बीओ ने किया था खुलासा


■ प्राचीन काल से चल रहे गोरखधंधे की होने के बाद भी नहीं हुई जांच



विधायक ने कहा- इस्लामपुर तो बस एक नमूना है, पूरे जिले में गोरखधंधा चल रहा है


कई अधिकारियों की भी प्यारी गर्लफ्रेंड


इन 13 लोक सभा चुनाव-2020 में विधानसभा चुनाव-2019 में भी काम हुआ। कबसे इन लोगों के नाम इस्लामपुर शिक्षा विभाग में अंकित थे, इसका खुलासा करने में अधिकरियों ने रुचि नहीं दिखाई। उस समय इस्लामपुर में बीओ, प्रधान लिपिक, कंप्यूटर तकनीशियन, खंड साधनसेवी (बीआरजी) और अन्य पादरी पर कौन-कौन विद्वान थे। बताया जा रहा है कि इस मामले में लोगों की गर्दनें झुकेंगी। सूत्र में यह भी लिखा है कि वहां एक बिरजी ही सभी काम करते थे।


आख़िर कौन कर रहा था कर्तव्य


अब विभाग के समक्ष यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर वे 13 लोग शिक्षक नहीं थे, तो उनकी जगह चुनाव और एग्ज़ाम में ड्यूटी कौन करती है। हालाँकि, वीक्षकों की सूची में सोलो आश्रम के सामने उनका मोबाइल नंबर भी अंकित था। विभाग यह सहज ही पता कर सकता था कि वे कौन हैं। उनके नाम की सूची में डाल दिया। इसके पीछे का असली मकसद क्या है।


शिक्षक को फर्जी तरीके से बताया गया


1. उत्क्रमित मध्य विद्यालय पनहर केएम नाजनीन एवं प्रमिला कुमारी रामप्रसाद सिंह


2 . प्राथमिक विद्यालयजी बिगहा


3. भवानीपुर स्कूल


4. मध्य विद्यालय तेतरिया


5. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिदारी


7. मध्य विद्यालय आकड़ी बरात


6. उत्क्रमित मध्य विद्यालय रूपसपुर


8. मध्य विद्यालय चौरमा


9. उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोजफ्फरा 10. उत्क्रमित मध्य विद्यालय गावसपुर


कैसे हुआ खुलासा


वीक्षकों की सूची प्रखंड साधनसेवी जिला से ले जाते हैं। और, संबंधित शिक्षकों को परीक्षा में ड्यूटी की सूचना देते हैं। लेकिन, वर्ष 2022 में संयोग यह कि बीईओ अहिल्या कुमारी ने खुद ही सूची थामी। सूची में शामिल शिक्षकों के स्कूल एचएम से उनसे संबंधित विस्तृत जानकारी ली। तब पता चला कि 13 लोगों को जिन स्कूलों के शिक्षक बताये गये हैं, वे शिक्षक तो दूर, किसी भी सरकारी पद पर तैनात नहीं हैं। उन्होंने उन एचएम से 13 लोगों के शिक्षक न होने की लिखित जानकारी लेने के बाद इसकी सूचना डीईओ केशव प्रसाद को दी थी।



नौकरी देने का फर्जीवाड़ा


शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस गोखरधंधे का अंत नौकरी देने के बाद होती है। पहले अंजान लोगों को किसी स्कूल का शिक्षक बता चुनाव व एग्जाम ड्यूटी दी जाती है। बाद में उन्हें सामूहिक तबादले के दौरान किर्सी स्कूल में ट्रांसफर का पत्र थमा नौकरी दे दी जाती है। बताया जा रहा है कि यह खेल दो दशक पहले स्वास्थ्य विभाग ने खेला था। इसके बाद 'पिछले दरवाजे' से तबादले के दौरान ट्रांसफर लेटर देकर नौकरी पक्की करने का गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा है। इसके एवज में उन 13 शिक्षकों से करोड़ों की वसूली की जाती।


मोनी कुमारी व कुमारी रुणी विनिता कुमारी व वीणा कुमारी


राजेश कुमार


माधुरी कुमारी


रिंकु कुमारी


सोनल कुमारी आरती कुमारी


सुनीता कुमारी


शिक्षा विभाग में नहीं है नाम


जब 13 नये नामों का खुलासा हुआ तो जिला शिक्षा विभाग ने जांच करायी कि उन्हें वेतन दिया जा रहा था या नहीं। लेकिन, उनसबों का कहीं भी सुराग नहीं मिला। वेतन का भी अबतक भुगतान नहीं किया गया है। जबकि, इलेक्शन व एग्जाम ड्यूटी के बदले दी गयी राशि किन बैंक खातों के जरिये भुगतान किया गया, इसकी जानकारी भी नहीं जुटायी गयी। 



Bihar news: बिना चयन बतौर शिक्षक चुनाव ड्यूटी करने पर मांगा जवाब Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

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