बदहाल शिक्षा की देन हैं कोचिंग केंद्र
पिछले दिनों दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक दर्दनाक हादसा हुआ। आइएएस की तैयारी कराने वाले एक नामचीन कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में अचानक भरे पानी में डूबकर तीन छात्रों की मौत हो गई। यह दुर्घटना आपराधिक लापरवाही का परिणाम लगती है, क्योंकि यह हादसा गैर कानूनी ढंग से चलने वाले कोचिंग सेंटर की निजी व्यवस्था के तहत हुआ। देखा जाता है कि देश में जब भी कोई गंभीर घटना होती है और जनता की आवाज उठती है तो जांच कमेटी बैठेगी, सख्त कार्रवाई होगी, कानून अपना काम करेगा और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा जैसी घोषणाएं करते हुए सरकार थोड़ी देर के लिए जगती है। जैसे कि इस दर्दनाक हादसे में भी देखा जा रहा है, लेकिन कुछ दिनों बाद प्रायः घटनाओं को और उनके आशय को अपनी मौत मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। समय बीतने के साथ लोग भी भूल जाते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं। इस बीच राजनीति और राजनेता भी बदल जाते हैं। फिर हम अक्सर वहीं खड़े रहते हैं, जहां पहले खड़े थे। उम्मीद है यह घटना इस यथास्थितिवाद को तोड़ेगी।