सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त किए गए 12 शिक्षकों की सेवाएं बहाल कर दी हैं। बीएसए के निर्देशानुसार, सभी शिक्षकों ने अपने पूर्व निर्धारित स्कूलों में फिर से कार्यभार संभाल लिया है। ये सभी शिक्षक मुरादाबाद के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त थे।
इस साल, सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था, जिसके बाद विभाग ने इन शिक्षकों की पुनः बहाली की प्रक्रिया शुरू की।
यह मामला एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर की लोकायुक्त से शिकायत के बाद सामने आया था, जिसमें 15,000 सहायक अध्यापक भर्ती में मुरादाबाद के 12 शिक्षकों के आवेदन में अनियमितताओं की जांच हुई थी। जांच के बाद, सितंबर 2023 में तत्कालीन बीएसए अजीत कुमार ने इन सभी 12 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया था। इस कार्रवाई के खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। सिंगल बेंच ने बीएसए के आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन विभाग ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी।
डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद, विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की। 23 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश को बरकरार रखा और हस्तक्षेप का कोई मामला न बनते हुए बेसिक शिक्षा विभाग की एसएलपी को खारिज कर दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद, मुरादाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव से शिक्षकों की सेवा बहाल करने की अनुमति मांगी। 14 अक्टूबर को, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने सभी 12 शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही, निर्देश दिया गया कि कार्यभार ग्रहण कराए जाने की तिथि से ही नियमानुसार वेतन भुगतान भी किया जाए। सचिव के आदेश पर, उसी दिन बीएसए ने इन शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण करने के संबंधित आदेश जारी कर दिए, और सभी शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर प्रमाण पत्र बीएसए कार्यालय को भेज दिया।