Primary Ka Master Latest Updates👇

Thursday, October 17, 2024

CJI डीवाई चंद्रचूड़ का फैसला: ‘कानून’ की आंखों से हटी पट्टी, हाथ में आया संविधान

 BREAKING NEWS



नई दिल्ली


CJI डीवाई चंद्रचूड़ का फैसला, सुप्रीम कोर्ट में

न्याय की देवी की मूर्ति में आंखों की पट्टी हटाई गई

साथ ही हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब स्थापित की गई !!




‘कानून’ की आंखों से हटी पट्टी, हादेश की सर्वोच्च अदालत में बुधवार को न्याय की देवी की नई प्रतिमा लगाई गई। न्याय की देवी की मूर्ति की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान ने ली है।


न्यायपालिका के इस कदम से यह संदेश दिया गया कि कानून अंधा नहीं है और न दंड का प्रतीक है। सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के आदेश पर जजों की लाइब्रेरी में न्याय की देवी की नई प्रतिमा में आंखें खुली हैं। दाएं हाथ में तराजू है जबकि बाएं हाथ में संविधान। पुरानी प्रतिमा में बाएं हाथ में तराजू और दाएं हाथ में तलवार थी। सूत्रों के अनुसार, न्याय के तराजू को प्रतिमा के दाहिने हाथ में इसलिए रखा गया है, क्योंकि यह समाज में संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है और यह विचार है कि कोर्ट फैसले से पहले तथ्यों और तर्कों को तौलती है। इस कदम को औपनिवेशिक विरासत को पीछे छोड़ने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। यह उसी तरह है कि भारतीय दंड संहिता जैसे औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) से बदल दिया गया है।थ में आया संविधान

सूत्रों के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश का मानना है कि भारत को ब्रिटिश विरासत से निकलकर आगे बढ़ना चाहिए। उनका यह भी मानना है कि कानून कभी अंधा नहीं होता और यह सभी को समान रूप से देखता है। सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, न्याय की देवी का स्वरूप बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के एक हाथ में संविधान होना चाहिए, न कि तलवार, ताकि देश को यह संदेश जाए कि अदालत संविधान के अनुसार न्याय करती है। तलवार हिंसा का प्रतीक है, लेकिन अदालतें संवैधानिक कानूनों के अनुसार न्याय करती हैं।



CJI डीवाई चंद्रचूड़ का फैसला: ‘कानून’ की आंखों से हटी पट्टी, हाथ में आया संविधान Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link