लखनऊ। प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को प्रभावी बनाने में जुटा बेसिक शिक्षा विभाग शैक्षिक सत्र 2025-26 से कक्षा तीन में भी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों से पढ़ाई कराएगा। इसमें स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों को शामिल किया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान सत्र 2024-25 से कक्षा एक व दो में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं। यह पहला साल होने और समय कम
मिलने की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग इसमें बदलाव नहीं कर सका। वहीं, अगले सत्र में कक्षा तीन में भी एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। हालांकि इसमें 10 से 15 फीसदी तक बदलाव करने की तैयारी है। एससीईआरटी ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार गणित और संस्कृत/उर्दू में बहुत बदलाव की संभावना नहीं है लेकिन हिंदी, अंग्रेजी
व सामाजिक विज्ञान विषय में प्रदेश के स्तर पर कुछ चीजें शामिल की जा रही हैं। इसके तहत क्षेत्रीय भाषाओं व बोलियों भोजपुरी, बुंदेलखंडी व अवधी आदि को शामिल किया जा रहा है। इनकी शब्दावली को भी हिंदी की पुस्तक में जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चे अपने यहां की चीजों की जानकारी पा सकें।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अंग्रेजी और हिंदी में यूपी के परिप्रेक्ष्य में जानकारी जोड़ी जा रही हैं। जल्द ही इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को निशुल्क पुस्तकें वितरित करता है। साथ ही यूनिफॉर्म, जूता-मोजा व स्टेशनरी के लिए पैसे भी देता है।