सरकारी स्कूलों में जमीन पर ठिठुर रहे बच्चे, कैसे करें पढ़ाई
जासं, अमरोहा बेसिक स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पटरी पर नहीं है। जागरण टीम ने सोमवार को परिषदीय विद्यालयों का जायजा लिया तो कुछ स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था न होने से बच्चे सर्दी में फर्श पर ठिठुरते मिले। कहीं बच्चे बिना यूनीफार्म के ही मिले। जिम्मेदार शीघ्र ही स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था दुरुस्त कराने की दावेदारी कर रहे हैं।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों की मुफ्त पढ़ाई कराने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। उनको मुफ्त मिड-डे-मील, ड्रेस, जूता, मोजा, स्वेटर, पुस्तकें उपलब्ध करा रही है। दैनिक जागरण की टीम सोमवार को सुबह 11 बजे नगर के स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का जायजा लेने निकली। मुहल्ला बसावन गंज के प्राथमिक स्कूल पहुंची तो वहां एक छोटे से कक्ष में कक्षा पांच तक के बच्चे टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ते नजर आए। पानी व शौचालय की भीव्यवस्था नहीं थी। शिक्षामित्र तंजीम फातिमा ने बताया कि अभी तक विभाग की तरफ से ही फर्नीचर की व्यवस्था नहीं कराई है। शौचालय व पानी पीने के लिए भी बच्चे अपने घर जाते हैं। इसके बाद टीम पचौकरा मेहरबान गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंची। वहां देखा तो फर्नीचर कीव्यवस्था नहीं थी, बल्कि टाट पट्टी पर बैठकर बच्चे पढ़ रहे थे। शिक्षकों से इस बावत पूछा तो बताया कि अभी तक विभाग की तरफ से ही फर्नीचर उपलब्ध नहीं कराया गया है। जबकि स्कूल में 103 बच्चे पंजीकृत हैं। पंडकी के प्राथमिक स्कूल, रायपुर, नवादा में भी बच्चे फर्नीचर पर बैठकर पढ्ने नजर आए। वहीं स्कूलों में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई मिली।
स्कूलों में विना ड्रेस के मिले बच्चेः बेसिक स्कूलों के बच्चों को स्वेटर, ड्रेस, जूता और मोजा खरीदने के लिए भले सरकार ने उनके अभिभावकों के खाते में 1200-1200 रुपये की धनराशि भेजी है, मगर फिर भी कुछ बच्चे विना ड्रेस-स्वेटर के स्कूल पहुंच रहे हैं। प्राथमिक स्कूल मुहल्ला बसावन गंज, प्राथमिक स्कूल, पचौकरा महरबान, रायपुर, नवादा के स्कूल में कुछ इसी तरह का नजारा सामने आया।