सीतापुर। रेउसा के परिषदीय स्कूलों में दो से अधिक शिक्षामित्रों की तैनाती की शुक्रवार को बीएसए ने जांच की। उन्होंने शिक्षामित्रों की तैनाती, संबद्धता आदेश व अन्य अभिलेख भी खंगाले। पता चला कि वर्ष 2018 के आदेश के बाद यह विसंगति पैदा हुई। इस आदेश के कारण ही शिक्षामित्रों की संख्या का अनुपात बिगड़ा। बीएसए इस मामले में अपर राज्य परियोजना निदेशक संग अन्य उच्चाधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे।
बता दें कि वैसे तो एक परिषदीय विद्यालय में दो शिक्षामित्रों की तैनाती का नियम है। इस मामले में शिकायतकर्ता रामरतन ने रेउसा के पंद्रह विद्यालयो में कहीं पांच तो कहीं तीन शिक्षामित्रों की तैनाती की शिकायत की थी। इस पर अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने बीएसए को जांच के आदेश दिए। बीएसए ने अभिलेखों का परीक्षण कर जांच पूरी कर ली है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राम सेवक पाल ने बताया कि 23 जुलाई 2018 को तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी किया था। यह तैनाती उसी अनुसार हुई है। महिला शिक्षामित्रों के लिए भी एक आदेश जारी हुआ था। इसमें उनके ससुराल या पति की तैनाती के स्थान पर समायोजित होने का विकल्प दिया गया था। उसी अनुसार तैनाती दी गई थी।
बीएसए बोले- समायोजन आदेश के बाद सामान्य हो जाएगी स्थिति
वर्ष 2018 में शिक्षामित्रों का शिक्षक पद से चयन निरस्त हुआ था। इसके बाद उन्हें मूल विद्यालय में तैनाती का आदेश जारी हुआ था। इस दौरान कुछ स्कूल एक दूसरे में समायोजित हुए थे। वहीं, एक आदेश यह भी आया था कि अगर किसी महिला की शादी क्षेत्र में हुई हो तो वह नजदीकी स्कूल में तैनाती ले सकती हैं। सभी अभिलेखों का परीक्षण कर लिया गया है। समायोजन का एक नया शासनादेश आदेश लागू होने के बाद शिक्षामित्रों का अनुपात सही हो जाएगा।
- अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए

