लखनऊ-जेल में रहे प्रिंसिपल को भी वेतन वृद्धि
गोसाईंगंज में सात साल से स्कूल से गायब शिक्षिका को दोबारा नियुक्त करने के बाद अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जेल जा चुके शिक्षक के वेतन वृद्धि का आदेश जारी कर दिया। मामला मोहनलालगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनुवासांड के प्रधानाध्यापक राकेश यादव का है।
जनवरी में बीएसए ने शिक्षक की निलंबन अवधि के वेतन बहाली के साथ साथ वेतन वृद्धि का आदेश जारी कर दिया। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीएसए निलंबित शिक्षक का वेतन बहाल कर सकते हैं, लेकिन वेतन वृद्धि का आदेश जारी नहीं कर सकते। शिक्षक के जेल जाने के कारण और मुकदमा जारी रहने के चलते वेतन वृद्धि का आदेश कोर्ट से बरी होने के बाद बीएसए से एक पद ऊंचे अधिकारी यानी एडी बेसिक की तरफ से जारी किया जाएगा। ऐसे में बीएसए की तरफ से जारी आदेश पूरी तरह गलत है। मामले में एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी के मुताबिक वेतन वृद्धि की बहाली का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारी को नहीं है। मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में पक्ष जानने के लिए बीएसए राम प्रवेश से ईमेल, वॉट्सऐप और फोन के जरिए संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
मई 2020 से नवंबर 21 तक निलंबित रहे: पुरानी रंजिश के तहत हत्या और छेड़छाड़ मामले को लेकर मोहनलालगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धनुवासांड के हेडमास्टर राकेश कुमार यादव 8 मई से 11 मई 2020 तक जेल में रहे। शिक्षक की निलंबन अवधि 11 मई
2020 से 15 नवंबर 2021 रहा। शिक्षक राकेश यादव ने बीएसए को 21 दिसंबर 2022 को पत्र लिखकर निलंबन अवधि का वेतन भुगतान का अनुरोध किया था। साथ ही जुलाई 2020 के रुके हुए वार्षिक वेतन वृद्धि को बहाल किए जाने का भी अनुरोध किया था। खंड शिक्षा अधिकारी मोहनलालगंज ने 29 जुलाई 2024 को मामले की संस्तुति बीएसए कार्यालय को भेज दी। बीएसए की तरफ से जेल में रहने तक की अवधि का वेतन रोकते हुए निलंबन अवधि का वेतन बहाल करने का आदेश जारी कर दिया गया। साथ ही जुलाई 2020 के रुके वार्षिक वेतन वृद्धि को भी बहाल कर दिया।

