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Tuesday, February 4, 2025

Primary ka master: दो दिन में नहीं बनी अपार आईडी तो 14 अफसरों पर हो सकती है कार्रवाई

 संतकबीरनगर। जिले में 3,25,244 छात्रों की अपार आईडी बननी है। इनमें से 1.32 लाख बच्चों की ही अपार आईडी बन पाई है। पांच फरवरी इसकी अंतिम तिथि है। डीएम ने डीआईओएस व बीएसए समेत 14 अधिकारियों को दो दिनों में शत प्रतिशत अपार आईडी न बनने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। कार्रवाई की डर से अधिकारियों ने रविवार को स्कूल खोल दिया और अपार आईडी बनवाने के काम में जुटे रहे।



शासन से कक्षा एक से 12 तक निजी शिक्षण संस्थान, राजकीय शिक्षण संस्थान, वित्तविहीन शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्रों की अपार आईडी अनिवार्य कर दी है। इसमें 12 अंक का एक नंबर दिया जा रहा है। यह योजना सात माह पहले लागू की गई थी। जिले में परिषदीय, राजकीय माध्यमिक, एडेड माध्यमिक, वित्त विहीन विद्यालयों को मिलाकर कुल 2431 विद्यालय संचालित हो रहे है। इन विद्यालयों में 325244 छात्र छात्राएं पंजीकृत है। जिसमे से अभी तक 132018 छात्रों की अपार आईडी जनरेट हो सकी है। परिषदीय स्कूलों में अपार आईडी बनाने की कार्रवाई में तेजी है। लेकिन एडेड व प्राइवेट स्कूल इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं। जबकि इसकी अंतिम तिथि पांच फरवरी है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा की नाराजगी के बाद डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने इससे जुडे अधिकारियों को पांच फरवरी तक शत प्रतिशत अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया है। इसकी प्रतिदिन संख्या भी मांगी है। अगर शत प्रतिशत अपार आईडी नहीं बनती है तो इन अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। डीएम के इस आदेश के बाद बीएसए और डीआईओएस ने समस्त विद्यालयों को रविवार को खोेल दिया और शिक्षकों को अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया। जिसके बाद विद्यालयों पर अपार आईडी बनाने की कार्रवाई की गई।

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इन अधिकारियों को मिली है चेतावनी

डीआईओएस, बीएसए, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य के साथ जिले के खलीलाबाद, मेंहदावल, बघौली, सांथा, सेमरियावां, बेलहर, नाथनगर, हैंसर और पौली के खंड शिक्षा अधिकारी शामिल हैं।

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अपार आईडी का मुख्य उद्देश्य

अपार आईडी पर एक क्लिक पर छात्र समस्त जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना और दस्तावेजों के सुरक्षित डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करना है। अपार आईडी विद्यार्थियों का अहम पहचान पत्र है, जिसमें 12 अंकों का कोड होता है। इससे छात्रों के स्कोर कार्ड, मार्कशीट, ग्रेडशीट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र और सह-पाठ्यचर्या उपलब्धियों सहित सभी शैक्षणिक क्रेडिट की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

कोट


महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने अपार आईडी में लापरवाही पर नाराजगी जताई है। डीआईओएस, बीएसए समेत कुल 14 अधिकारियों को पांच फरवरी तक हर हाल में अपार आईडी का काम खत्म करने को कहा गया है। ऐसा न होने पर इसकी सारी जिम्मेदारी इन अधिकारियों पर होगी।

-महेंद्र सिंह तंवर, डीएम

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