लखनऊ। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत चयनित बच्चों की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। वहीं, कई ऐसे भी अभिभावक हैं जो बच्चे का प्रवेश पहले विकल्प वाले स्कूल में ही करवाना चाहते हैं। यदि उन्हें पहले विकल्प वाला स्कूल नहीं मिला तो दाखिला नहीं कराएंगे।
आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आवेदन में पांच प्राइवेट स्कूलों का विकल्प भरना होता है। ऐसा इसलिए होता है यदि पहले विकल्प वाले स्कूल में सीट नहीं है तो दूसरे में बच्चे को प्रवेश कराया जाता है। हालांकि, अधिकतर अभिभावकों की पसंद पहले विकल्प वाला स्कूल ही होता है, क्योंकि पहले सबसे अच्छे स्कूल का नाम होता हैं।
इस पर विभाग का कहना है कि यदि पहले विकल्प वाला विद्यालय प्रबंधन प्रवेश लेने में दिक्कत करता है तो उसके विरुद्ध शिकायत की जा सकती है, लेकिन बच्चे का सत्र न पिछड़े इसके लिए दूसरे स्कूल में भी प्रवेश कराया जा सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि अभिभावकों को बच्चे के हित को ध्यान में रखते हुए प्रवेश कराने में देरी नहीं करनी चाहिए। बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि जो अभिभावक पहले विकल्प वाले स्कूल की आस में हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है। अलग-अलग ब्लॉक से करीब 200 अभिभावक हैं, जो पहले विकल्प के इंतजार में बैठे हैं।