महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के श्रमिकों के कल्याण और उनके आर्थिक उत्थान के लिए बांधकाम कामगार योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत श्रमिकों को ₹2000 से ₹5000 तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, श्रमिक परिवारों को घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक बर्तन भी दिए जाते हैं। यह योजना उन श्रमिकों के लिए बनाई गई है जो इमारत निर्माण, सड़क निर्माण, रेलवे, जल निकासी, बिजली, टेलीफोन टावर, ट्रांसमिशन टावर, कांच कटाई, बढ़ईगिरी, प्लंबिंग, अग्निशमन यंत्र स्थापना और लिफ्ट इंस्टॉलेशन जैसे कार्यों में संलग्न हैं।
कैसे हुई योजना की शुरुआत?
महाराष्ट्र सरकार ने 1 मई 2011 को श्रमिकों के हितों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए बांधकाम कामगार कल्याण मंडल की स्थापना की थी। इस मंडल के अंतर्गत वर्ष 2020 में बांधकाम कामगार योजना की शुरुआत की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारना, उनकी आजीविका को सुरक्षित बनाना और उनके परिवारों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की आर्थिक और सामाजिक सहायता उपलब्ध कराती है ताकि वे अपने जीवन को सुगमता से चला सकें।
कौन से श्रमिक उठा सकते हैं योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ वे श्रमिक ले सकते हैं जो निर्माण और अधोसंरचना से जुड़े कार्यों में संलग्न हैं। इसमें इमारत और सड़क निर्माण, रेलवे और हवाई अड्डा निर्माण, जल निकासी और सिंचाई परियोजनाएं, बिजली पारेषण और वितरण, तेल और गैस प्रतिष्ठान, टेलीविजन और टेलीफोन टावर निर्माण, पुल, सुरंगें, जलाशय, पत्थर कटाई, टाइल पॉलिशिंग, बढ़ईगिरी, प्लंबिंग, इलेक्ट्रिक इंस्टॉलेशन, अग्निशमन यंत्र और एसी उपकरण स्थापना, लोहे और धातु से बनी वस्तुएं निर्माण करने वाले श्रमिक शामिल हैं।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत श्रमिकों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें उन्हें ₹2000 से ₹5000 तक की आर्थिक मदद मिलती है। इसके अलावा, श्रमिक परिवारों को घरेलू उपयोग के लिए बर्तन भी दिए जाते हैं, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। श्रमिकों की शादी के लिए ₹30,000 और उनकी बेटियों की शादी के लिए ₹51,000 की सहायता राशि दी जाती है।
इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे बिना किसी आर्थिक बाधा के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। पंजीकृत श्रमिकों को आवास योजना का भी लाभ दिया जाता है, जिससे वे अपने परिवार के लिए स्थायी निवास की व्यवस्था कर सकें। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव सहायता भी दी जाती है ताकि वे सुरक्षित प्रसव कर सकें और नवजात शिशु को बेहतर देखभाल मिल सके।
योजना के लिए पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए श्रमिक का महाराष्ट्र राज्य का निवासी होना अनिवार्य है। उसकी आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसने कम से कम 3 महीने तक निर्माण क्षेत्र में कार्य किया हो। इसके अलावा, श्रमिक का महाराष्ट्र बांधकाम कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण होना आवश्यक है।
योजना में आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जिसमें आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण और 90 दिनों का कार्य प्रमाण पत्र शामिल हैं। इसके अलावा, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो भी आवश्यक हैं।
कैसे करें आवेदन?
इस योजना में आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। होमपेज पर "Worker Registration" विकल्प पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा, जहां आधार नंबर, स्थान और मोबाइल नंबर दर्ज करके "Proceed" पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमें श्रमिक को अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरनी होगी और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। अंत में, "Submit" बटन पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।