राज्य ब्यूरो, शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नौकरी जारी रखने और पदोन्नति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया है। इस निर्णय से प्रदेश के स्कूलों में कार्य कर रहे हजारों शिक्षकों के लिए यह पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए देश भर के अलग-अलग राज्यों द्वारा निवेदन किया गया है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पुनर्विचार या दाखिल कर दी है। राज्य सरकार भी इस मामले पर जल्द निर्णय लेगी।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इसको लेकर सभी जिलों से शिक्षकों का रिकार्ड मांगा है। इसमें पूछा गया कि कितने शिक्षक ऐसे हैं जिनके पास टेट नहीं है। सचिव शिक्षा राकेश कंवर ने बताया कि विभाग सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को एग्जामिन कर रहा है।
इस मामले को लेकर विधि विभाग से भी राय ली जा रही है। विधि विभाग की राय आने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाए या नहीं। एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले सभी सरकारी-प्राइवेट शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य कर दिया है।