1142 स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोकने की चेतावनी
बुलंदशहर। बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाद अब वित्त एवं लेखा अधिकारी ने 1142 परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को छात्र-छात्राओं की आनलाइन उपस्थिति शून्य मिलने पर नवंबर माह का वेतन रोकने की चेतावनी दी है। सभी बीईओ को पत्र जारी किया गया है। विभागीय अधिकारियों के इस आदेश का शिक्षक नेताओं ने विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। शासन के आदेश के क्रम में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी बीईओ, प्रधानाध्यापक और इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को बच्चों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के बावजूद शिक्षक विद्यार्थियों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जिले में 1142 से अधिक स्कूलों में आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई जा रही है। इस पर तीन नवंबर को बीएसए की ओर से इन सभी स्कूलों के शिक्षकों को वेतन रोकने की चेतावनी दी गई थी।
अब सोमवार को वित्त एवं लेखाधिकारी ने सभी बीईओ को इन सभी स्कूलों के शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्रवाई किए जाने के लिए पत्र जारी किया है। इसके बाद शिक्षक और शिक्षक नेताओं में रोष है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विनोद कुमार शर्मा का कहना है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन करने की महत्वाकांक्षी योजना है लेकिन तकनीकी खामियों के कारण शिक्षकों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। एक तरफ जहां प्रधानाध्यापक विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर सिस्टम की लगातार विफलता की शिकायत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बीएसए ने सख्त आदेश जारी कर दिया है कि बच्चों की डिजिटल हाजिरी न देने पर पूरे स्टाफ का वेतन रोक दिया जाएगा। इस कार्रवाई की चेतावनी से हजारों शिक्षक परेशान हैं। हमारी मांग है कि इस आदेश को वापस लिया जाए।
विभाग की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति के निर्णय तक कोई इस तरह का आदेश जारी नहीं किया जाए, अन्यथा की स्थिति में संघ धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा। बीएसए डाॅ. लक्ष्मीकांत पांडे का कहना है कि शासन व विभाग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

