निरक्षरों को खोजकर साक्षर बनाएंगे शिक्षक, डोर-टू-डोर करेंगे सर्वे
सुल्तानपुर। निरक्षरों के जीवन में शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए उनका सर्वे किया जाएगा। इसके लिए नवभारत साक्षरता योजना के तहत उल्लास एप के माध्यम से 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षरों को चिह्नित किया जाएगा। निरक्षरों को खोजकर शिक्षक उन्हें साक्षर करेंगे। शिक्षकों को उनके स्कूल क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। जिले में कोई भी व्यक्ति निरक्षर न रहे, इसके लिए संचालित नवभारत साक्षरता योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इसके तहत 15 वर्ष से ऊपर के निरक्षर व्यक्ति चिह्नित किए जाएंगे। इसके तहत यह कार्यक्रम पांच वर्ष यानी 2022 से 2027 तक संचालित किया जाएगा। परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक अपने-अपने स्कूल क्षेत्र के गांव में डोर-टू-डोर सर्वे करेंगे।
पोर्टल पर निरक्षरों को सूचीबद्ध करते हुए उनकी सूचना अपलोड करेंगे। इसके बाद उन्हें साक्षर बनाया जाएगा। प्रति 10 निरक्षर पर एक एक सामाजिक कार्यकर्ता (वालंटियर) का चयन विभाग की तरफ से किया जाएगा, जो योजना के तहत विशेष विधि से निरक्षरों को साक्षर बनाएंगे। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने नवभारत साक्षर कार्यक्रम की शुरुआत नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत कर दी थी। इस पॉलिसी की तीसरी वर्षगांठ पर इसकी विधिवत शुरुआत की गई थी।
पांच बिंदुओं पर किए जाएंगे साक्षर
इसके पांच बिंदु रखे गए हैं। इनमें मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और पढ़ाई जारी रखना शामिल है। 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के निरक्षरों को चिह्नित कर वालंटियर की ओर से दीक्षा पोर्टल के माध्यम से पढ़ाई करवाकर साक्षर बनाया जाएगा। इनको विशेष एवं सरल सामग्री पद्धति से शिक्षण कार्य कराया जाएगा। गणित, मात्रा ज्ञान, स्वर परिचय, संयुक्त वर्ण परिचय, हिंदी, आओ बनाएं शब्द, संख्या ज्ञान, गिनती, जोड़-घटाव, गुणा-भाग करना सिखाया जाएगा। इसके बाद इन नव साक्षरों की परीक्षा भी कराई जाएगी।
गांवों में संपर्क कर रहे शिक्षक
निरक्षरों को साक्षर बनाने के लिए निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा का निर्देश मिला है। इनको सर्वे की मदद से चिह्नित करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही साक्षरता मिशन को सफल बनाने के लिए शिक्षकों को भी जागरूक किया जा रहा है। निरक्षरों को सूचीबद्ध करने के बाद जल्द ही उन्हें साक्षर बनाया जाएगा। - उपेंद्र गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

