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Thursday, November 27, 2025

एसआईआर कराने का फैसला अवैध नहीं:कोर्ट

 एसआईआर कराने का फैसला अवैध नहीं:कोर्ट



सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस दलील को सिरे से ठुकरा दिया, जिसमें कहा गया था कि देश में पहले कभी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) नहीं हुआ है, इसलिए निर्वाचन आयोग का फैसला अवैध है।


शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु द्वारा भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जा रहे एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि देश में पहले, एसआईआर नहीं किया गया, इस दलील को निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यों में कराई जा रही इस प्रक्रिया को चुनौती देने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।


पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग के पास फॉर्म-6 में एंट्री की सच्चाई तय करने का अंदरूनी अधिकार है। फॉर्म-6 किसी व्यक्ति को खुद को वोटर के तौर पर रजिस्टर करने के लिए भरना होता है। पीठ ने यह भी दोहराया कि आधार कार्ड नागरिकता का पक्का सबूत नहीं है और इसीलिए हमने कहा कि यह दस्तावेजों की सूची में से एक होगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आधार सरकारी योजना का लाभ पाने के लिए बनाया गया कानून है। मान लीजिए कोई पड़ोसी देश का है और मजदूर के तौर पर काम करता है। तो क्या उसे भी वोटर बना दिया जाए।




सीमा पर फिर से लगी बांग्लादेशियों की कतार


हकीमपुर। पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा पर बुधवार को फिर से बांग्लादेशियों की भीड़ देखी गई। ये लोग एसआईआर के डर से अपने वतन वापस लौटने के लिए हकीमपुर सीमा चौकी पर पहुंचे थे। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के हकीमपुर सीमा चौकी का निरीक्षण कर रिवर्स माइग्रेशन की सूचनाओं की समीक्षा की थी।




एसआईआर के पीछे मंशा एनआरसी की : ममता


कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पीछे असली मंशा पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करना है। इससे आम लोगों में डर पैदा किया जा रहा है। ममता ने कहा कि जिन लोगों ने तक इस देश की मिट्टी को सींचा है, उनसे अब भारत में रहने का अधिकार साबित करने के लिए कहा जा रहा है।






अदालत हमेशा आदेश दे सकती है


पश्चिम बंगाल की ओर से पेश अधिवक्ता ने पीठ से कहा कि एसआईआर द्वारा समय सारिणी के अनुसार 9 दिसंबर ड्राफ्ट रोल के पब्लिकेशन की तारीख है। सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि तो क्या? यदि आप कोई केस बनाते हैं, तो हम उन्हें (निर्वाचन आयोग) तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। क्या वह तारीख अदालत के लिए यह कहने का आधार हो सकती है कि अब हमारे पास कोई शक्ति नहीं है? अदालत हमेशा आदेश दे सकती है।




केरल : एसआईआर स्थगित करने की मांग का विरोध




निर्वाचन आयोग अपना जवाबी हलफनामा दे


पीठ ने भारत के निर्वाचन आयोग को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की याचिकाओं पर अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। पीठ ने कहा कि तमिलनाडु से जुड़े मामले की सुनवाई 4 दिसंबर को की जाएगी, जबकि पश्चिम बंगाल के मामले की नौ दिसंबर को होगी।




मतदाता सूची के प्रकाशन की तारीख बढ़ा देंगे


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह एसआईआर प्रक्रिया के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची के प्रकाशन की तारीख को आगे बढ़ा सकता है। पीठ ने यह मौखिक टिप्पणी करते हुए सुनवाई 9 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

भारत के निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को केरल में एसआईआर स्थगित करने की मांग पर विरोध किया। निर्वाचन आयोग ने शीर्ष अदालत से कहा कि केरल में 99 फीसदी मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर दिए गए हैं और 50 फीसदी गणना प्रपत्रों का डिजीटलीकरण हो चुका है।


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