समायोजित शिक्षक एवं एकल विद्यालय दोनों को महानिदेशक के आदेश से मिली राहत
समायोजित शिक्षक एवं एकल विद्यालय दोनों को महानिदेशक के आदेश से मिली राहत
बरेली, समायोजन का मामला जो पूरे प्रदेश में चर्चा में था उसके सम्बन्ध में बड़ी कार्यवाही बेसिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक द्वारा की गई है, जिससे ऐसे शिक्षक जो समायोजन से नए विद्यालय में विगत 04 माह से शिक्षण कार्य कर रहे थे उन्होंने भी राहत की सांस ली है और साथ ही ऐसे विद्यालय जो समायोजन 1 व 2 से एकल हो गए थे उनमें भी सरप्लस विद्यालय से शिक्षक भेजकर हर विद्यालय में 2 शिक्षकों को रखने का आदेश दिया गया है जिससे उन्हें भी प्रसन्नता का अनुभव हुआ है। बताते चलें कि जुलाई में प्रदेश के हजारों शिक्षकों का समायोजन विभाग द्वारा किया गया एवं उसकी सूची बेसिक शिक्षा सचिव द्वारा जारी की गई। शिक्षकों को पुराने विद्यालय से कार्यमुक्त कर
नए विद्यालय में सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यभार ग्रहण कराया गया।
उस समय यह समस्या आयी कि जिन शिक्षकों के विद्यालय से कार्यमुक्त होने से विद्यालय एकल हो रहा है, उन्हें कार्यमुक्त न किया जाए परंतु बाद में बताया गया कि विद्यालय में शिक्षामित्र भी हैं। अतः पूर्ण रूप से विद्यालय एकल नहीं, इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महानिदेशक द्वारा सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को समस्त शिक्षकों को उनके समायोजित विद्यालय में हर हालत में कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया गया एवं कहा गया कि जो भी विद्यालय एकल हुए हैं। उन्हें समायोजन-3 द्वारा जिले स्तर पर भर दिया जाएगा परन्तु समायोजन-3 की प्रतीक्षा किये बिना ही कुछ जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने समायोजन में गये शिक्षकों के वापसी के आदेश जारी कर दिए जबकि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सचिव का इस सम्बन्ध में कोई आदेश नहीं था। इससे ऐसे शिक्षक जिनके ऊपर वापसी की तलवार लटकी उनकी ओर से हाईकोर्ट में रिट भी दायर की गई और कहा गया कि समायोजन निरस्त करने पर नये विद्यालय के छात्रों की शिक्षा बाधित होगी एवं समायोजित शिक्षकों का भी मानसिक शोषण होगा क्योंकि वे पिछले 04 माह से नवीन विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं एवं उन्होंने शासनादेश का पालन किया है। एक रिट ऐसे शिक्षकों द्वारा भी हाईकोर्ट
में दाखिल की गई कि समायोजन से उनका विद्यालय एकल हो गया और जो शिक्षक विद्यालय एकल करके गए हैं, उनकी वापसी हो परन्तु चुनौती ये थी कि नवीन शिक्षकों का जो समायोजन था वो भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम छात्र संख्या वाले विद्यालय से अधिक संख्या वाले विद्यालय में किया गया है लेकिन महानिदेशक के आदेश ने अब एक तीर से दो निशाने लगाने का कार्य किया है। 16 नवंबर के महानिदेशक के आदेश ने यह स्पष्ट किया है कि पदोन्नति,
स्थानान्तरण (समायोजन) एवं अन्यत्र
शिक्षक की मृत्यु के कारण एकल अथवा शिक्षक विहीन हुए विद्यालयों में समायोजन के फलस्वरूप सरप्लस शिक्षकों वाले विद्यालय से शिक्षक भेजें जाएंगे एवं यह कार्य जनपदीय कार्यसमिति द्वारा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तत्काल किया जाएगा। इस आदेश से दोनों पक्षों में खुशी की लहर दौड़ गई क्योंकि अब समायोजित शिक्षकों पर वापसी का दबाव भी नहीं होगा तथा एकल विद्यालय को समायोजन 3 से नए शिक्षक भी मिल जाएंगे। मतलब साँप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी.

