सुविधा: चांदी के जेवर गिरवी रखकर कर्ज मिल सकेगा
नई दिल्ली, । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के साथ-साथ चांदी को गिरवी रखकर ऋण लेने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जो एक अप्रैल, 2026 से लागू होंगे।
वर्तमान में कुछ सहकारी बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) यह सुविधा दे रहे थे लेकिन उन पर कोई नियमन नहीं था। अब आरबीआई ने इस पर सख्त और स्पष्ट नियम बनाए हैं। इसके बाद सभी वाणिज्यिक, सहकारी और ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों समेत स्मॉल फाइनेंस बैंक भी चांदी के बदले ऋण दे सकेंगे। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऋण केवल चांदी के गहनों या सिक्कों को गिरवी रखने पर ही मिलेगा। शुद्ध चांदी (बुलियन), सिल्वर ईटीएफ या म्यूचुअल फंड्स जैसी निवेश योजनाओं पर लोन नहीं दिया जाएगा।
गिरवी चांदी न लौटाने पर बैंक रोजाना पांच हजार मुआवजा देंगे: आरबीआई ने चांदी के गहने और सिक्के गिरवी रखकर कर्ज लेने के नियमों में ग्राहक हितों का विशेष ध्यान रखा है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि पूरा ऋण चुकाने के बाद सात कार्यदिवस के भीतर ग्राहक को गिरवी चांदी वापिस कर दी जाएगी। अगर बैंक की गलती से इसमें देरी होती है तो 5,000 रुपये रोजाना की दर से ग्राहक को मुआवजा अदा किया जाएगा।
आरबीआई ने यह भी साफ किया है कि शुद्ध चांदी या सोने (बुलियन) के बदले कर्ज नहीं मिलेगा, बल्कि केवल आभूषणों और सिक्कों के बदले ही लोन दिया जाएगा।
कितनी रकम तक कर्ज मिलेगा
2.5 लाख की वैल्यू पर 85% तक
2.5 से 5 लाख रुपये तक की वैल्यू पर 80% तक
5 लाख रुपये से अधिक की वैल्यू पर 75% तक
उदाहरण : किसी ग्राहक के पार एक लाख रुपये की चांदी है, तो उस पर अधिकतम 85,000 रुपये तक का ऋण मिल सकता है।

