अटल आवासीय विद्यालयों में होगी 360 डिग्री निगरानी
अटल आवासीय विद्यालयों की अब 360 डिग्री मानिटरिंग होगी। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में 203 हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे प्रत्येक अटल विद्यालय का पूरा कैंपस जीरो ब्लाइंड स्पॉट हो चुका है।
इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता का रियल टाइम मूल्यांकन करने से लेकर डेली अटेंडेंस मॉनिटरिंग, स्टाफ की उपस्थिति, अकाउंट मैनेजमेंट और प्रशासनिक कार्यो की निगरानी करना भी है। अटल विद्यालयों में एकेडमिक परफॉर्मेंस एनालिसिस सिस्टम भी लगाया गया है जिससे इन स्कूलों में कितने बच्चे होशियार, एवरेज या कमजोर की श्रेणी में हैं इसका भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा। प्रदेश के सभी 18 मंडलों में स्थिति अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत किया जा रहा है।
इसके लिए अटल आवासीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग के लिए स्थापित अत्याधुनिक ‘अटल कमांड सेंटर’ से प्रदेश के सभी अटल आवासीय विद्यालयों की 360 डिग्री लाइव निगरानी शुरू कर दी गई है। इस कमांड सेंटर के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने शिक्षा मॉनिटरिंग का एक राष्ट्रीय मॉडल प्रस्तुत किया है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।
शिक्षा की गुणवत्ता का रियल टाइम मूल्यांकन
कमांड सेंटर का सबसे आधुनिक फीचर है, एकेडमिक परफॉर्मेंस एनालिसिस सिस्टम। इसके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि किस विद्यालय में कितने बच्चे होशियार, एवरेज या कमजोर श्रेणी में हैं। इतना ही नहीं, सब्जेक्ट वाइज परफॉर्मेंस भी दर्ज होती है—कौन सा छात्र किस विषय में मजबूत है या किन्हें अतिरिक्त सहायता की जरूरत है। इस डाटा विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट्स से शैक्षिक योजनाएं और सुधारात्मक कदम तुरंत लागू किए जा सकते हैं।
रियल टाइम में दिख रही हर गतिविधि
बोर्ड की सचिव एवं अटल आवासीय विद्यालय संगठन की महानिदेशक पूजा यादव कहती हैं कि प्रत्येक अटल विद्यालय में 203 हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। पूरे कैंपस को इस तरह कवर किया गया है कि कहीं भी ब्लाइंड स्पॉट न रहे।
उपस्थिति और वित्तीय प्रबंधन भी कमांड सेंटर से
यह कमांड सेंटर केवल सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है। यहां से डेली अटेंडेंस मॉनिटरिंग, स्टाफ की उपस्थिति, अकाउंट मैनेजमेंट और प्रशासनिक कार्यों को भी उच्च स्तर पर देखा जा रहा है। अटेंडेंस के लिए विद्यालयों में विशेष क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया गया है, जिसके स्कैन होने पर ही उपस्थिति दर्ज होती है।
इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि मानव त्रुटियों की संभावना भी लगभग समाप्त हो गई है।

