डीए-डीआर को मूल वेतन में जोड़ने से केंद्र का इनकार
नई दिल्ली,। सरकार ने लोकसभा में बयान देकर साफ कर दिया है कि फिलहाल मूल वेतन और महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को एक साथ मिलाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। हालांकि महंगाई के असर को देखते हुए डीए और डीआर की दरें इंडेक्स के आधार पर हर छह महीने में संशोधित होती रहेंगी।
पहले अनुमान था कि 2026 से इनका विलय किया जा सकता है, लेकिन अब सरकार ने साफ कर दिया है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को डीए और डीआर पहले की तरह मिलता रहेगा। पिछले कुछ महीनों से कर्मचारियों के बीच यह चर्चा तेज थी
कहा, फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं हालांकि डीए-डीआर दरें संशोधित होती रहेंगी
कि जल्द ही सरकार डीए को बेसिक में जोड़ सकती है, जिससे उनकी सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव आ जाएगा।
वेतन आयोग के इतिहास को देखें तो 5वां वेतन आयोग 1996 से लागू हुआ था, तब डीए 151% था, वही मर्ज हुआ था। 6 वां वेतन आयोग जनवरी 2006 में लागू हुआ था, तब डीए 115% था, वही बेसिक में आया था। 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 में लागू हुआ, तब डीए 125% था, वही मर्ज हुआ था

