• कोरोना के संक्रमण से सभी प्रवेश परीक्षाएं स्थगित, आवेदन तिथि बढ़ी -
कोरोनावायरस की संक्रमण के चलते देश में 21 दिन के लॉकडाउन तो चल ही रहा है और हालातों को देखते हुए इसके बढ़ाने की भी संभावना बनती जा रही है | इसलिए तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं, प्रवेश परीक्षाएं जो इस दौरान होनी थी उन्हें फिलहाल के लिए टाल दिया गया है | तथा इसी के साथ सभी प्रवेश परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की नई तिथियां आगे स्थिति देखते हुए जारी की जाएंगी|
*कंसोर्सियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा क्लैट में ऑनलाइन आवेदन की तिथि 25 अप्रैल तक बढ़ा दी है |परीक्षा की तारीख भी 10 मई की जगह 24 मई को कर दी गई है |
एसईई परीक्षा स्थगित
एकेटीयू ने इंजीनियरिंग कॉलेज में आवेदनों के लिए 10 मई को होने वाली राज्य प्रवेश परीक्षा एस ई ई को स्थगित कर दिया है|
क्रिस्चियन में प्रवेश प्रक्रिया डाली
लखनऊ क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज में लॉक डाउन को देखते हुए सत्र 2020-21 के 15 अप्रैल से आवेदन शुरू होने की प्रक्रिया को टाल दिया गया है |
*जय नारायण पीजी कॉलेज और बप्पा श्री नारायण वोकेशनल डिग्री कॉलेजों में भी आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है |जेएनपीजी कालेज के प्रिंसिपल डॉ.एसडी शर्मा ने कहा कि आवेदन जून के अंतिम सप्ताह तक लिए जाएंगे|
• उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट 15 अप्रैल तक सील-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोनावायरस की संक्रमण को बढ़ते हुए देख बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है | प्रभावित इलाकों को पूरी तरीके से सील कर दिया है, जिसमें पूरे जिले शामिल नहीं है | यह प्रतिबंध बुधवार से 15 अप्रैल तक जारी रहेगा| वह प्रतिबंध केवल उन शहरों में लागू किया गया है, जहां पिछले दिनों में 6 या 6 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं |इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में बैंक आवश्यक वस्तुएं ,सब्जियों की दुकानें भी पूरी तरीके से बंद रहेगी| वहां मीडिया को भी जाने की कोई इजाजत नहीं मिलेगी, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का कड़ाई से पालन हो सकेगा| मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को यह फैसला लिया गया है |इन प्रतिबंधित जिलों में आगरा ,गाजियाबाद, नोएडा ,कानपुर ,वाराणसी ,शामली, मेरठ ,बरेली ,बुलंदशहर ,बस्ती ,फिरोजाबाद, सहारनपुर ,महाराजगंज, सीतापुर व लखनऊ को शामिल किया गया है |इन 15 जिलों की सर्वाधिक प्रभावित इलाकों को छोड़कर शहरों के अन्य स्थानों पर मेडिकल स्टोर व अन्य खाद्य सामग्रियों की दुकानें खुली रहेगी | इन स्थानों पर भी निकलने के लिए एवं जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को मास्क पहनना जरूरी होगा| बैठक के बाद अवनीश अवस्थी ने बताया कि कोरोनावायरस के लिए सर्वाधिक प्रभावित इलाकों को सील करने का फैसला लिया गया है, यह बहुत ही अहम है| प्रदेश सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना मास्क के सड़कों व सार्वजनिक स्थलों पर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाएगी | चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आदेश जारी करते हुए बताया कि तीन लेयर वाला मास्क पहनना जरूरी है इसे धोकर पहना जा सकता है|श्री प्रसाद ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के पाया गया तो उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी|
• विधायकों व मंत्रियों के वेतन में कटौती -
राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में और मजबूती से लड़ने के लिए सांसदों की तरह विधायकों और विधान परिषदों की निधि को 1 साल के लिए स्थगित कर दिया है |जिससे सरकार को 1509 करोड़ रुपए मिलेंगे साथ ही मंत्री और विधायकों के वेतन में 30% कटौती भी की जाएगी |जिससे सरकार को ₹175050000 की धनराशि प्राप्त होगी| वही आपदा निधि को 600 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपए करने का फैसला लिया गया है|
• 5 लाख तक के लंबित टैक्स रिफंड तुरंत मिलेंगे -
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में लॉक डाउन की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रही नागरिकों और कारोबारियों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है| वित्त मंत्रालय ने सभी संस्थाओं और व्यक्तियों के 5 लाख रुपए तक के आयकर रिफंड को तुरंत जारी करने का निर्देश दिया है |इस फैसले से 1400000 टैक्स धारियों को सीधा फायदा मिलेगा |इसके साथ ही जीएसटी और कस्टम विभाग में लंबित सभी रिफंड भी जारी करने के आदेश दिए जा चुके हैं |इस फैसले से सूक्ष्म व लघु समेत सभी उद्योगों की व्यवसायिक इकाइयों को लाभ होने की उम्मीद है |वित्त मंत्रालय का कहना है कि तुरंत रिफंड देने की प्रक्रिया में करीब 18000 करोड़ रूपए करदाताओं को वापस दिए जाएंगे|
• RBI के ऐलान के बाद भी नहीं मिली ईएमआई में राहत -
औद्योगिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि लॉकडाउन के दौरान आरबीआई ने इंडस्ट्री और आम जनता को ईएमआई में राहत देने का जो ऐलान किया था| उसे बैंक और एनबीएफसी नहीं मान रहे हैं| इसको लेकर एम एम एम ई संगठन आईआईए और स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ने आपत्ति जताई है |इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का कहना है कि आरबीआई ने इस संबंध में 27 मार्च को आदेश जारी कर दिया था |उसके बाद भी ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी इंडस्ट्री को राहत नहीं दे रहे हैं |जिसके लिए आईआईए की तरफ से केबिनेट सेक्रेट्री ,फाइनेंस सेक्रेट्री ,आरबीआई गवर्नर ,चेयरमैन इंडियन बैंक एसोसिएशन एवं नितिन गडकरी को पत्र लिखा गया है | स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि इंडस्ट्री और आम लोगों को इस योजना का लाभ ना मिल सके ,इसके लिए बैंक और एनबीएफसी कह रहे हैं कि आरबीआई ने यह सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए जारी की है| जिनकी सैलरी लेट आई है या आई ही नहीं है, या जिन इंडस्ट्रीज को नकदी का संकट है |यह भी आरोप लगाया गया है कि कई ग्राहकों के तो इस सुविधा का आवेदन करने के बाद भी ईएमआई ऑटोमेटिक उनके बैंक अकाउंट से काटी जा चुकी है| जिन्होंने आवेदन करने के बाद इस सुविधा के तहत किस्त नहीं भरी उनके ऋण खाते में बाउंस चार्ज लगा उनको भी मैसेज भेजे जा रहे हैं|