कृपया महिला शिक्षिकायें विशिष्ट ध्यान दें
जैसा कि आप सबको सूचना प्राप्त हो ही गई है कि कल हमारे साथियों के अथक प्रयासों से उप मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्वंय मुख्यमंत्री जी से शिक्षकों के अन्र्तजनपदीय स्थानान्तरण के मुद्दे पर वार्ता की गई, जिस पर मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा फिलहाल कोई भी कार्यवाही करने से साफ मना कर दिया गया तथा आगामी सत्र में ही विचार करने के संकेत दिये। अब आप लोग जानते ही हैं कि माह अक्टूबर-दिसम्बर के मध्य प्रस्तावित पंचायत चुनाव भी फिलहाल टाल दिये गये हैं तथा उक्त चुनाव अब माह अप्रैल-जून, 2021 के मध्य सम्पादित किये जाने की प्रबल सम्भावना है। अतः नगण्य सम्भावना है कि आगामी वर्ष भी अन्र्तजनपदीय स्थानान्तरण सरकार द्वारा कर ही दिये जायें और जो लोग यह कहते हैं कि 2022 के चुनाव के दृष्टिगत सरकार 2021 में स्थानान्तरण अवश्य करेगी वे ये भी जान लें कि अब वो दिन लद गये जब सरकारी कर्मचारियों और विशेषतः शिक्षकों को भारी वोटबैंक समझकर नीतियाॅं निर्धारित की जाती थी, अब तो स्पष्ट दिख रहा है कि उनको आपके वोट की न तो जरूरत है और न ही लेशमात्र फिक्र। इसी प्रकार, 2022 में भी विधानसभा निर्वाचन के दृष्टिगत अन्र्तजनपदीय स्थानान्तरण की कोई भी सम्भावना नहीं है, और उसके बाद भी यदि यही सरकार लौटती ह,ै जिसकी (कमजोर विपक्ष की स्थिति व सर्मथकों की समझ को देखते हुये) प्रबल सम्भावना दिखाई पड रही है तो फिर तो अन्र्तजनपदीय स्थानान्तरण जैसा शब्द भी हम आपके शब्दकोष से स्थान खो बैठेगा।
अब बात आती है हमारी-आपकी परेशानियों और अब शेष उपलब्ध विकल्पों की। तो जैसा कि निरन्तर कई दिनों से सभी लोग महिलाओं से प्रार्थना कर रहे हैं कि चूॅंकि पुरूषों द्वारा बारम्बार हर स्तर से प्रयास करके देख लिया गया है परन्तु रिजल्ट सिफर ही रहा है ऐसे में बहुत जरूरी है कि अब महिलायें आगे आयें और स्वंय मा0 मुख्यमंत्री जी से प्रार्थना कर तत्काल (यथासम्भव बच्चों हेतु स्कूल खुलने से पूर्व) अन्र्तजनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया पूर्ण करने हेतु अनुरोध करें क्योंकि यह सत्य है कि अपने घरों से दूर रहकर जितना महिला शिक्षिकायें परेशान हैं उसका अंशमात्र भी पुरूष सोच नहीं सकते। परन्तु बार-बार निवेदन करने पर भी महिलाओं का आगे न आना अब प्रयासरत पुरूषों में भी निराशा और कुंठा उत्पन्न कर रहा है। अतः महिला शिक्षिकाओं से करबद्व प्रार्थना है कि एक बार एकाग्रचित्त होकर मंथन अवश्य करें कि जो आप अपने घर, परिवार, बच्चों से दूर रहकर रोज कष्ट भोग रही हैं वो अनिश्चितकाल के लिये आपको स्वीकार है या एक-दो बार लखनऊ जाकर अपना प्रयास करके परिवार व बच्चों के बीच शेष जीवन बिताना।
सादर !!