- यूपी सरकारी सेवक अनुशासन एवं अप्पी नियमावली 1999 लागू नहीं होगी|
- शासकीय कार्य से यात्रा पर भेजे जाने पर ही यात्रा व अन्य भत्ते दिए जाएंगे|
- कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे|
- संबंधित पद की अहर्ता व आरक्षण आदि से संबंधित प्रमाण पत्र आदि फर्जी पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी जाएगी|
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Sunday, September 13, 2020
अब 5 वर्ष की संविदा से शुरू हो सकती है सरकारी नौकरी
प्रदेश सरकार समूह ख व समूह ग की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है| प्रस्तावित व्यवस्था में चयन के बाद कर्मचारियों को शुरुआती 5 वर्ष तक संविदा के आधार पर नियुक्त करने की योजना बनाई जा रही है| इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे|
5 वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छटनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी| शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार किए जाने की तैयारी कर रहा है |इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशवरा शुरू कर दिया गया है|
वर्तमान में सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से चयन के बाद सम्बंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार 1 या 2 वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति देती है| इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ दिए जाते हैं, वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं| नियमित होने पर भी नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं| परंतु, प्रस्तावित 5 वर्ष की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ख व ग की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण रूप से ही बदल जाएगी |नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका छमाही मूल्यांकन होगा | इसमें प्रतिवर्ष 60% से कम अंक पाने वाले सेवा से बाहर होते रहेंगे| जो तय शर्तों के साथ 5 वर्ष की सेवा पूरी कर सकेंगे, उन्हें ही मौलिक नियुक्ति दी जाएगी| इससे सरकारी विभाग समूह ख व ग के पदों पर नियुक्ति एवं विनियमितीकरण नियमावली 2020 कहा जाएगा|
संविदा नियुक्ति के लिए अहम होंगे यह प्रावधान:-