दिल्ली सहित देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति और दम तोड़ती चिकित्सा व्यवस्था के चलते देशभर के लोग राष्ट्रीय स्तर पर लाकडाउन लागू करने की वकालत करने लगे हैं। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अपनी तरफ से कराए एक सर्वे में दावा किया है कि 67.5 फीसद लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर उसी तरह लाकडाउन लगाने की वकालत की है, जैसा पिछले वर्ष लगा था। लोगों का मानना है कि इसके बिना कोरोना को नहीं रोका जा सकेगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि सर्वे में दिल्ली और देश के 9,117 लोगों ने अपनी राय जाहिर की है। 78.2 फीसद लोगों ने कहा है कि कोरोना देश में बेकाबू हो गया है। 67.5 फीसद लोगों ने देश भर में एक साथ लाकडाउन लगाने की वकालत की है। 73.7 फीसद लोगों ने माना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी से निपटने में सक्षम हैं, वहीं 82.6 फीसद लोगों ने किसी एक केंद्रीय मंत्री को दिल्ली का प्रभारी मंत्री मनोनीत कर कोरोना से निपटने का सुझाव दिया। कोरोना से रोजाना चार लाख से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं और इस अनुपात में चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, जिसको तुरंत चुस्त-दुरुस्त करना जरूरी है। ऐसे में अब राष्ट्रीय लाकडाउन ही एकमात्र विकल्प है, जिससे कोरोना महामारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।
67.5 फीसद लोगों ने की राष्ट्रीय स्तर पर लाकडाउन की वकालत, 73.7 फीसद लोगों ने माना, प्रधानमंत्री मोदी कोरोना से निपटने में सक्षम
दिल्ली में नहीं संभल रहे हालात, मांगी सेना की मदद
जासं, नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में बिगड़ रहे हालात के बीच दिल्ली सरकार ने सेना की मदद मांगी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है। कोरोना से उपजे हालात पर लगातार सुनवाई कर रही हाई कोर्ट की पीठ ने इस पत्र पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा को इस संबंध में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव वशिष्ट ने कहा कि यह ऐसा समय है जब सेना की मदद ली जाए। सेना के पास टैंकर समेत अन्य उपकरण हैं और उनमें इसे करने की क्षमता है। जवाब में दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि सेना की मदद के संबंध में दो मई को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है।
लाकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों का
खंडेलवाल ने कहा कि वैसे किसी भी लाकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान व्यापारियों का होता है। फिर भी ‘राष्ट्र प्रथम’ को अपना पहला कर्तव्य मानते हुए हम इसकी मांग कर रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया कि लाकडाउन की स्थिति में सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी), आयकर व अन्य करों की देयता तथा अन्य संवैधानिक पालना को भी स्थगित करना होगा। बैंकों को भी यह निर्देश देना होगा कि वे व्यापारियों से रकम वसूली अथवा ब्याज को फिलहाल स्थगित करे तथा व्यापारियों के यहां जो कर्मचारी काम कर रहे हैं उनकी तनख्वाह देने में सरकार वित्तीय सहायता दे।
राष्ट्रीय लाकडाउन पर विचार का बढ़ने लगा दबाव
कोरोना की दूसरी लहर पर जल्द से जल्द नियंत्रण के लिए एक बार फिर से संपूर्ण लाकडाउन लगाने की जरूरत पर बहस छिड़ गई है। लाकडाउन से अर्थव्यवस्था किस तरह चरमराती है यह देश देख चुका है, लेकिन इस बार उद्योग जगत की तरफ से ही इसकी मांग की जाने लगी है। रविवार रात जारी एक आदेश में जहां सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह जनहित को ध्यान में रखते हुए लाकडाउन के विकल्प पर विचार करे ताकि कोरोना वायरस के विस्तार को रोका जा सके। वहीं, देश के सबसे बड़े उद्योग चैंबर सीआइआइ ने भी सरकार से आग्रह किया है कि वह देश में आम लोगों के कष्ट को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को सीमित करने का कदम उठाए।