आकांक्षी जनपद होने के लिए गैर जनपद के शिक्षकों का तबादला नहीं हो पा रहा है। जबकि कई वर्षों से अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कार्यरत शिक्षक लगातार अंतर्जनपदीय तबादले की मांग कर रहे हैं। अंतर्जनपदीय तबादले की मांग को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने का कार्य शुरू किया है। जिसके तहत सोमवार को शिक्षकों ने कैसरगंज सांसद प्रतिनिधि सुनील सिंह और पयागपुर विधायक सुभाष त्रिपाठी को ज्ञापन सौंपा।
शिक्षक लक्ष्मीकांत दूबे ने बताया कि प्रदेश सरकार प्रदेश हित व शिक्षा क्षेत्र के विकास को लगातार काम कर रही है। सरकार ने 68 हजार व 69 हजार जैसी दो बड़ी भर्तियों कर शिक्षकों की कमी को दूर किया है वहीं कायाकल्प योजना से विद्यालयों का जीर्णोद्धार हुआ है, लेकिन अंतर्जनपदीय तबादलों से आकांक्षी जनपद के शिक्षकों को अलग रखना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से 500 से 700 किलोमीटर दूरी से आए शिक्षक जिले में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी सभी पूरे मनोयोग से अपने परिवार से दूर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। परिवार के वृद्ध सदस्यों को अचानक मिलने वाली पीड़ा को घर से दूर रहकर दूर नहीं किया रदूर जा सकता है। कई शिक्षकों के माता पिता वयोवृद्ध हैं। ऐसे में शिक्षकों की समस्याओं को देखते हुए आकांक्षी जनपद के शिक्षकों का भी अन्तर्जनपदीय तबादला होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अंतर्जनपदीय तबादले के लिए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। आशा है कि जल्द मुख्यमंत्री शिक्षक हित में तबादले का फैसला लेंगे। ज्ञापन कार्यक्रम में शिक्षक प्रदीप पांडेय, राकेश कुमार शुक्ल, विजय कुमार पांडेय, बृजेश यादव, सुनील सिंह, प्रज्ञा शुक्ला, पूजा तिवारी, अर्चना दूबे, शैलेश कुमार आदि मौजूद रहे।

