Primary Ka Master Latest Updates👇

Thursday, July 15, 2021

कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक, रोजी-रोटी के पड़े लाले

 प्रतापगढ़ : कोरोना काल वित्तविहीन शिक्षकों के जीवन में अंधेरा कर गया। सरकार ने उन्हें मिलने वाले दस हजार रुपये के मानदेय को जहां बंद कर दिया, वहीं उनकी आर्थिक सहायता भी नहीं की। जहां एक ओर कुछ स्कूलों में प्रबंधन ने उनका मानदेय कम कर दिया है तो कुछ स्कूलों ने मानदेय देना बंद कर दिया है। वर्ष 2020 में भी यही स्थिति थी। वर्ष 2021 में उन्हें आशा थी कि सबकुछ पटरी पर लौट आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं इनमें पढ़ाने वाले शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इनके परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है। माध्यमिक शिक्षक संघ ने सरकार से इन्हें आर्थिक सहायता देने की मांग की थी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला

कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक, रोजी-रोटी के पड़े लाले


सात सौ स्कूलों में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक

प्रतापगढ़ जिले में वित्तविहीन माध्यमिक मान्यता प्राप्त स्कूलों व जूनियर हाईस्कूल की संख्या 700 है। इनमें लगभग दस हजार से अधिक शिक्षक हैं। सपा की अखिलेश सरकार ने जाते-जाते इन शिक्षकों को 1000 रुपये प्रतिमाह पारितोषक के रूप में देने की शुरुआत की थी और पुन: सरकार आने पर सम्मानजनक मानदेय देने का वादा किया था। सपा सरकार जाने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने इन शिक्षकों को दिया जाने वाला पारितोषिक भी बंद कर दिया और सम्मानजनक मानदेय देने की बात कही थी। मगर उसके बाद आज तक सरकार ने वित्तविहीन शिक्षकों की सुधि नहीं ली। दो साल से स्कूल खुले नहीं तो अधिकांश बच्चों की फीस भी नहीं आई। फीस नहीं आई तो स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को दिए जाने वाले मानदेय पर भी असर पड़ा। अब स्थिति यह है कि कहीं-कहीं तो मानदेय बंद कर दिया और कुछ स्कूलों में काफी कम मानदेय दिया जा रहा है। सगरासुंदरपुर प्रतिनिधि के अनुसार संक्रमण काल के दौर में भावी पीढ़ी के भविष्य को संवारने वाले प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों के परिवार के लोग पाई पाई को मोहताज हैं। प्राइवेट स्कूलों में सबसे दयनीय स्थिति प्राइमरी और मिडिल स्तर तक के संचालित विद्यालयों के शिक्षकों की है। क्षेत्र के मुस्ताक अहमद, भइया लाल, शकुंतला त्रिपाठी, उमादेवी, नियाज अहमद, विजय गुप्ता आदि शिक्षकों ने शासन से सहानुभूति पूर्वक विचार करने की मांग की है। इस संबंध में डीआइओएस सर्वदा नंद का कहना है कि शासन व विभाग का जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा।

कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षक, रोजी-रोटी के पड़े लाले Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link