प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) अपर निजी सचिव (एपीएस) भर्ती-2013 की परीक्षा निरस्त कर चुका है और नए पदों का अधियाचन मिलने के बावजूद विज्ञापन फंसा हुआ है। ऐसे में आठ साल से नौकरी के इंतजार में ओवरएज अभ्यर्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आयोग ने नई भर्ती परीक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा था, जो साल भर से वहीं अटका हुआ है।
दो दशकों में आयोग ने एपीएस भर्ती के दो विज्ञापन जारी किए। पहला विज्ञापन वर्ष 2010 और दूसरा विज्ञापन वर्ष 2013 में जारी किया गया था। विज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन करा परीक्षा आयोजित कराए जाने पर एपीएस-2010 के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है, हालांकि इस भर्ती के तहत एपीएस के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल चुकी है। वहीं, एपीएस- परीक्षा के तहत 176 पदों पर भर्ती होनी है 2013 के तहत हुई दो चरणों की परीक्षा आयोग खुद निरस्त कर चुका है। इस लिए अब पुनर्विज्ञापन जारी करेगा।
नौ साल तक भर्ती पूरी होने का इंतजार दहलीज पर हैं। आयोग को एपीएस के तकरीबन ढाई सो नए पदों का अधिचायन मिल चुका है। अभ्यर्थी लगतार मांग कर रहे हैं कि नए पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जाए, लेकिन आयोग विज्ञापन जारी नहीं कर रहा। आयोग के अफसरों का कहना है कि भर्ती परीक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। पाठ्यक्रम को मंजूरी और आयोग नए सिरे से परीक्षा कराने के करते रहे कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके मिलते ही नया विज्ञापन भी जारी कर हैं और तमाम अभ्यर्थी ओवरएज होने की दिया जाएगा।