Primary Ka Master Latest Updates👇

Wednesday, September 15, 2021

यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार के आरोपितों पर कार्रवाई व जनसुनवाई नहीं

 यूपी सरकार की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की है और जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके उलट कार्यशैली बेसिक शिक्षा विभाग की है। स्कूलों में नियुक्ति पाने वाले उन शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया जिनका चयन नियम विरुद्ध हुआ लेकिन कार्रवाई में टालमटोल हो रही है।



लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की है और जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके उलट कार्यशैली बेसिक शिक्षा विभाग की है। परिषदीय स्कूलों में नियुक्ति पाने वाले उन शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया है, जिनका चयन नियम विरुद्ध हुआ लेकिन, अफसरों पर कार्रवाई में टालमटोल की जा रही है।


उन्नाव के बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने स्कूलों का विद्युतीकरण कराने के लिए एक ही फर्म को नामित कर दिया। डीएम उन्नाव रवींद्र कुमार ने सीडओ दिव्यांशु पटेल को जांच सौंपी। इसमें सामने आया कि बीएसए ने अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना सुलतानपुर की फर्म को नामित करने का आदेश दिया है। इसमें बीएसए व उन्नाव के जिला समन्वयक निर्माण दिव्यांश को दोषी पाया। दोनों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की। जिलाधिकारी ने 29 जुलाई को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को बीएसए का तबादला करने अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की, जो शासन में विचाराधीन है।


बिजनौर जिले के हल्दौर खंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप कौशिक की शिकायतें मिलने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दिसंबर 2020 में जांच मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक मुरादाबाद संजय कुमार रस्तोगी को सौंपी। रस्तोगी ने 19 फरवरी को जांच आख्या भेजी, इसमें लिखा कि शिक्षकों ने शपथपत्र सौंपकर खंड शिक्षाधिकारी पर कार्रवाई का अनुरोध किया है। बीएसए के पत्र पर डीएम बिजनौर ने इस मामले की जांच सीडीओ करा चुके हैं, उसमें भी खंड शिक्षाधिकारी दोषी पाए गए थे। रस्तोगी ने लिखा कि शिक्षकों में बीईओ की कार्यशैली को लेकर रोष है। डीएम के बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने भी विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की लेकिन, अब तक शुरू नहीं हुई है।



परिषद मुख्यालय का ऐसा कामकाज


गोरखपुर जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालय नकौड़ी खास बेलाघाट के शिक्षक राजबिहारी मिश्र ने पीसीएस की तैयारी करने के लिए अवैतनिक अवकाश लिया, विभाग ने दो बार स्वीकृति दी। तीसरी बार 2020 में फिर मांगा तो बीएसए ने इन्कार कर दिया। अब शिक्षक स्कूल ज्वाइन करने को प्रयासरत है लेकिन, उसे ज्वाइन नहीं कराया जा रहा, क्योंकि परिषद मुख्यालय मार्गदर्शन नहीं भेज रहा है।

यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल, भ्रष्टाचार के आरोपितों पर कार्रवाई व जनसुनवाई नहीं Rating: 4.5 Diposkan Oleh: Updatemarts

Social media link