नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बाल वाटिका से प्राथमिक विद्यालय के स्तर पर सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को पका भोजन उपलब्ध कराने की पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना' को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसका मकसद खाने में पोषण को मात्रा बढ़ाना है, ताकि बच्चों में पौष्टिकता की कमी न रहे।
इसके अलावा अब प्रतिदिन एक जैसा खाने की बजाय त्योहार और खास मौकों पर पकवान भी मिलेंगे और हरी सब्जियां भी शामिल की जाएंगी। अभी तक 'मिड-डे मील' राज्य कामैन्यू एक होता था। पीएम पोषण योजना में बदलाव किया गया है। अब जिला स्तर पर मैन्यू तय होगे उदाहरण के तौर पर जहां बाजारा, रागी, तिल, मोटा चावल या जो भी खाने का रिवाज है, यहाँ बच्चों को दिया जाएगा। पहली सार अब उसका ऑडिट भी किया जाएगा। आकांक्षी जिलों के बच्चों के लिए योजना के तहत अतिरिक्त पोषण आहार की व्यवस्था होगी। इसके लिए एफपीओं और महिला स्वयं सहायता समूहों को भी योजना के क्रियान्वयन से जोड़ा जाएगा।स्कूल में भोजन बनाने वाले कार्मिकों को वेतन की राशि अब सीधे उनके खाते में जाएगी। महीने में एक दिन सरकारी स्कूल में जाएं शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि संपन्न परिवारों से अपील की जाती है कि वे अपनी बच्चों को महोने में एक दिन सरकारी स्कूलों के बच्चों के बीच ले जाकर भोजन करवाए। वे दो टिफिन तैयार करें और सरकारी स्कूल में जाकर उन बच्चों के साथ बैठकर खाना खायें। इसका मकसद सिर्फ दोनों के बीच दोस्ती की भावना जागृत करना है।

